अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार रात एक चौंकाने वाली घोषणा की कि ईरान और इज़राइल के बीच अब “पूरी तरह और हमेशा के लिए” सीज़फायर हो गया है। उन्होंने इसे “12 दिन की जंग का अंत” बताया और कहा कि अमेरिका ने इस समझौते को करवाया है। ट्रंप के मुताबिक, यह समझौता मंगलवार रात (अमेरिकी समय के अनुसार) से शुरू होगा। पहले ईरान 12 घंटे तक संघर्षविराम लागू करेगा, फिर इज़राइल भी सीज़फायर करेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो बुधवार की आधी रात तक ये संघर्ष पूरी तरह खत्म माना जाएगा।
एक ईरानी अधिकारी ने Reuters को बताया कि ईरान ने अमेरिका की ओर से आए सीज़फायर प्रस्ताव को मान लिया है। हालांकि, इज़राइली सरकार की तरफ से अभी कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है। ईरान की सरकारी मीडिया अभी भी दावा कर रही है कि इज़राइल ने तेहरान के आसपास हमले जारी रखे हैं।
व्हाइट हाउस ने ट्रंप की घोषणा को सोशल मीडिया पर फिर से पोस्ट किया, जिसमें ट्रंप की एक तस्वीर भी थी। उस तस्वीर में उनके हाथ में एक कैप थी, जिस पर लिखा था – “Trump was right about everything” (ट्रंप हर बात में सही थे)।
व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, ट्रंप ने इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से सीधे बात की थी और फिर समझौते की रूपरेखा तय हुई। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरान के अधिकारियों के साथ सीधी और परोक्ष बातचीत करके इस डील को फाइनल किया। इज़राइल ने साफ कहा कि वो तभी सीज़फायर मानेगा जब ईरान कोई नया हमला नहीं करेगा। ईरान ने इस शर्त को स्वीकार कर लिया है।
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NBC न्यूज़ से बात करते हुए उपराष्ट्रपति वेंस ने बताया कि ट्रंप ने सोमवार को लगातार फोन कॉल्स किए ताकि यह डील पक्की हो सके। खुद ट्रंप ने भी चैनल से बातचीत में कहा, “मुझे लगता है यह सीज़फायर अनलिमिटेड है – यह हमेशा चलेगा।” उन्होंने दावा किया कि अब इज़राइल और ईरान कभी एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे।
सीज़फायर की घोषणा के बाद कतर ने भी अपनी हवाई सीमा (airspace) को फिर से खोल दिया है। कतर एयरवेज ने सोशल मीडिया पर बताया कि अब यात्री सुरक्षित ढंग से अपने घर लौट सकते हैं या अपनी यात्रा जारी रख सकते हैं।
ट्रंप का ऐलान उस हमले के कुछ घंटों बाद आया जो ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे अल उदैद एयर बेस पर किया था। यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के तीन न्यूक्लियर ठिकानों पर हवाई हमलों के जवाब में किया गया था। कतर सरकार ने बताया कि ईरान के मिसाइल हमले को इंटरसेप्ट कर लिया गया और अड्डे को पहले ही खाली करा लिया गया था, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ।