भारत और ओमान के बीच प्रस्तावित समग्र मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत तेजी से आगे बढ़ रही है। इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक बातचीत के लिए वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों का दल मस्कट में है। समझा जाता है कि वाणिज्य मंत्रालय ने इस महीने के अंत तक बातचीत पूरी करने के लिए समयसीमा निर्धारित की है।
यह घटनाक्रम इसलिए और महत्त्वपूर्ण हो गया है क्योंकि भारत और छह सदस्यीय खाड़ी सहयोग परिषद् (जीसीसी) की एक वर्ष से अधिक समय से बातचीत शुरू नहीं हो पाई है। खासकर यूएई से शर्तों पर मतभेद को लेकर बातचीत शुरू नहीं हो पाई है।
इस परिषद् में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं। यदि यह समझौता क्रियान्वित हो जाता है तो भारत से ऐसा करने वाला ओमान खाड़ी सहयोग परिषद् में यूएई के बाद दूसरा देश होगा। इसके अलावा प्रस्तावित समझौते से पश्चिम एशिया से भारत के संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है।
भारत और यूएई ने फरवरी, 2022 में समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे। इस मामले के एक जानकार व्यक्ति ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘ओमान के साथ भी भारत-यूएई जैसा समझौता होने की उम्मीद है।’भारत का 29वां बड़ा व्यापारिक साझेदार ओमान है।
दोनों देशों के बीच वित्त वर्ष 22 में 3.15 अरब डॉलर का कारोबार हुआ और यह वित्त वर्ष 23 में सालाना आधार पर 42 फीसदी बढ़कर 4.48 अरब डॉलर हो गया।
बीते वित्त वर्ष में भारत को होने वाले निर्यात में पेट्रोलियम में प्राथमिक तौर पर वाहनों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की हिस्सेदारी आधी थी। दिल्ली स्थित ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के मुताबिक मुक्त व्यापार समझौतेक के बाद भारत तेजी से निर्यात बढ़ाने की उम्मीद कर सकता है।