अंतरराष्ट्रीय

Singapore: 31 ग्राम हेरोइन बनी मौत की सौदागर; 19 साल बाद किसी महिला को लटकाया गया फांसी पर

Central Narcotics Bureau ने कहा कि 45 वर्षीय सरिदेवी जामानी को हेरोइन की तस्करी के लिए 2018 में मौत की सजा सुनाई गई थी

Published by
एजेंसियां   
Last Updated- July 28, 2023 | 12:59 PM IST

Singapore Woman Execution: मादक पदार्थों की तस्करी के जुर्म में सिंगापुर ने 19 साल बाद किसी महिला को फांसी पर लटका दिया है। देश ने 19 साल बाद शुक्रवार को किसी महिला को इस जुर्म में फांसी के फंदे पर लटका दिया है। यह जानकारी मीडिया एजेंसी AP ने दी।

हालांकि नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए मौत की सजा बंद करने के लोगों की अपील के बावजूद ऐसा फैसला लिया गया। इस हफ्ते दो लोगों को मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई जिसमें एक महिला थी, जिसे आज यानी शुक्रवार को फांसी दे दी गई।

सिंगापुर के एक्टिविस्ट ने कहा कि अगले हफ्ते एक और फांसी तय है।

2018 में मिली थी सजा, जानें कितनी तस्करी पड़ी भारी?

सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो (Central Narcotics Bureau ) ने कहा कि 45 वर्षीय सरिदेवी जामानी (Saridewi Djamani, ) को लगभग 31 ग्राम (1.09 औंस) डायमॉर्फिन या प्योर हेरोइन की तस्करी के लिए 2018 में मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बयान में कहा गया है कि यह अमाउंट ‘एक सप्ताह के लिए लगभग 370 ड्रग यूजर्स की लत को पूरा करने के लिए पर्याप्त थी।’ सिंगापुर के कानून में 500 ग्राम (17.64 औंस) से अधिक भांग (cannabis) और 15 ग्राम (0.53 औंस) हेरोइन की तस्करी के दोषी किसी भी व्यक्ति के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

जामानी को फांसी सिंगापुर के एक व्यक्ति, 56 वर्षीय मोहम्मद अजीज हुसैन को लगभग 50 ग्राम (1.75 औंस) हेरोइन की तस्करी के लिए दी गई फांसी की सजा के दो दिन बाद दी गई।

नारकोटिक्स ब्यूरो ने कहा कि दोनों कैदियों को उचित सजा दी गई, जिसमें उनकी दोषसिद्धि (conviction) और सजा की अपील और राष्ट्रपति की क्षमा की याचिका शामिल है।

क्या मौत की सजा है सटीक उपाय?

मानवाधिकार समूहों, अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं और संयुक्त राष्ट्र (UN) ने सिंगापुर से नशीली दवाओं के अपराधों के लिए फांसी की सजा रोकने का आग्रह किया है और कहा है कि इस बात के सबूत बढ़ रहे हैं कि फांसी की सजा कोई बेहतर उपाय नहीं है। सिंगापुर के अधिकारी इस बात पर जोर देते हैं कि नशीली दवाओं की मांग सप्लाई को रोकने के लिए मौत की सजा महत्वपूर्ण है।

मानवाधिकार समूहों का कहना है कि मार्च 2022 में फांसी फिर से शुरू होने के बाद से उसने नशीली दवाओं के अपराधों के लिए 15 लोगों को फांसी दी है। इस हिसाब से सिंगापुर में औसतन एक महीने में एक फांसी की सजा दी गई।

आखिरी बार 2004 में दी गई थी फांसी

मौत की सजा का विरोध कर रहे कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि सिंगापुर में जिस आखिरी महिला को फांसी दी गई थी, वह 36 वर्षीय हेयरड्रेसर येन मे वोएन (Yen May Woen) थी, जिसे 2004 में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए भी दोषी ठहराया गया था।

ट्रांसफॉर्मेटिव जस्टिस कलेक्टिव (Transformative Justice Collective), एक सिंगापुर समूह जो मौत की सजा को खत्म करने की वकालत करता है, ने कहा कि 3 अगस्त के लिए एक अन्य कैदी को एक नया फांसी का नोटिस जारी किया गया है। अगर फांसी मिलती है तो यह इस साल की पांचवी फांसी होगी।

इसमें कहा गया है कि कैदी एक एथनिक मलय नागरिक (Malay citizen ) है, जो 2016 में अपनी गिरफ्तारी से पहले एक डिलीवरी ड्राइवर के रूप में काम करता था। उसे 2019 में लगभग 50 ग्राम (1.75 औंस) हेरोइन की तस्करी के लिए दोषी ठहराया गया था। समूह ने कहा कि उस व्यक्ति ने अपने मुकदमे में कहा था कि उसका मानना ​​​​है कि वह अपने एक दोस्त के लिए प्रतिबंधित सिगरेट वितरित कर रहा था, जिस पर उसके पैसे बकाया थे और उसने बैग की सामग्री का सत्यापन नहीं किया क्योंकि उसे अपने दोस्त पर भरोसा था।

हालांकि अदालत ने पाया कि वह केवल एक संदेशवाहक था, फिर भी उस व्यक्ति को अनिवार्य मौत की सजा दिया जाना था, ऐसा उसने कहा।

आलोचकों का कहना है कि सिंगापुर की कठोर नीति केवल निचले स्तर के तस्करों और कोरियर्स को सजा देती है, जिन्हें आम तौर पर कमजोरियों वाले हाशिए के समूहों (marginalized groups ) से भर्ती किया जाता है। उनका कहना है कि कई देश मौत की सजा के चलन से बाहर निकल रहे हैं लेकिन सिंगापुर इससे काफी दूर है। पड़ोसी थाईलैंड ने भांग को वैध कर दिया है जबकि मलेशिया ने इस साल गंभीर अपराधों के लिए अनिवार्य मौत की सजा को समाप्त कर दिया है।

First Published : July 28, 2023 | 12:59 PM IST