कोविड-19 के नए रूप ओमीक्रोन को लेकर दुनिया भर के देशों के सतर्क होने से केंद्र और राज्य सरकार भी हरकत में आई हैं। उन्होंने रविवार को उच्च स्तरीय बैठकें बुलाईं और स्वास्थ्य उपायों पर नई सलाह जारी कीं।
कई देेशों ने कड़े कदम उठाए हैं। भारत ने भी बदलती वैश्विक स्थितियों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बहाल करने के अपने निर्णय की समीक्षा करने का फैसला किया है। सरकार आगंतुक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच और निगरानी की मानक परिचालन प्रक्रिया की भी समीक्षा करेगी, खास तौर पर उन देशों के लिए जिन्हें जोखिम की श्रेणी में चिह्नित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोविड के इस रूप की घोषणा के बाद अपनी दूसरी सलाह में राज्यों से स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा, जांच और जीनोम सिक्वेंसिंग गतिविधियों में बढ़ोतरी के लिए कहा है।
राज्य भी दूसरी घातक लहर के दोहराव से बचने के लिए अग्रिम कदम उठा रहे हैं। बहुत से राज्य अपनी ऑक्सीजन और चिकित्सा आपूर्ति का जायजा ले रहे हैं। कोविड-19 के नए स्वरूप पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उच्च स्तरीय समीक्षा के बाद आज गृह मंत्रालय ने एक तात्कालिक बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंधों को हटाने के निर्णय की समीक्षा करने को कहा था।
गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता वाली बैठक में निर्धारित व्यावसायिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को बहाल करने के निर्णय की समीक्षा का फैसला किया गया। इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल, प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार विजय राघवन और स्वास्थ्य, नागर विमानन और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शिरकत की।
सरकार ने 26 नवंबर को 20 से अधिक महीनों के अंतराल के बाद 15 दिसंबर से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक उड़ानें शुरू करने की घोषणा की थी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा, ‘ओमीक्रोन वायरस के मद्देनजर वैश्विक स्थितियों की व्यापक समीक्षा की गई। इसमें वायरस की रोकथाम के मौजूदा उपायों और आगे उन्हें और मजबूत करने पर चर्चा की गई।’ एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘इनसाकोग नेटवर्क के जरिये वायरस के रूपों की जीनोम निगरानी मजबूत और तेज करने पर सहमति बनी। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नमूने लेने और पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर ध्यान दिया जाएगा। खास तौर पर उन देशों के यात्रियों के लिए, जहां ओमीक्रोन स्वरूप पाया गया है।’
हवाई अड्डों के अधिकारियों और बंदरगाहों के स्वास्थ्य अधिकारियों को हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर जांच नियमों की कड़ी निगरानी के लिए सचेत किया जाएगा। ओमीक्रोन स्वरूप सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है, जिसमें बहुत से म्यूटेशन हैं। इसी वजह दक्षिण अफ्रीका के गुआतेंग प्रांत में तेजी से मामले बढ़े हैं। यह स्वरूप हॉन्ग कॉन्ग, ब्रिटेन, इजरायल और बोत्सवाना में भी मिला है। हालांकि यह अभी भारत में नहीं पाया गया है।
