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Air Pollution in Pakistan: पाकिस्तान में वायु प्रदूषण की समस्या बहुत ही भयानक हो गई है। सर्दियों की दस्तक से पहले ही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में वायु प्रदूषण का संकट गहरा गया है, कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 1,000 के लेवल को पार कर गया है। मुल्तान शहर तो गैस चैंबर में तब्दील हो गया है। शहर में, शुक्रवार की सुबह हवा में प्रदूषण का स्तर (AQI) अभूतपूर्व 2,553 दर्ज किया गया, जिसके बाद अधिकारियों ने पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को बंद कर दिया।
डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सबसे बड़े शहर मुल्तान में, पीएम 2.5 कणों का स्तर 947 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। हवा कितनी जहरीली है, इसका अंदाजा आप केवल इस बात से लगा सकते है कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सामान्य स्तर के दिशानिर्देशों से 189.4 गुना अधिक है। WHO कहता है कि 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ऊपर की कोई भी चीज खतरनाक है।
पंजाब के अन्य प्रमुख शहरों में भी हवा की गुणवत्ता (AQI) खराब हो रही है, जिसके लिए पाकिस्तान भारत को दोषी ठहरा रहा है। कई शहर धुंध में घिरे रहे, जिससे ‘स्मार्ट लॉकडाउन’ शुरू हो गया, जिसके तहत अधिकारियों ने दुकानों को रात 8 बजे तक बंद करने का निर्देश दिया है। धुआं छोड़ने वाले वाहन और पराली जलाने वाले लोग भी जांच के दायरे में हैं।
सार्वजनिक स्थानों के अलावा, पंजाब प्रांत के 18 जिलों में 18 नवंबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के लिए “अभूतपूर्व” हवा के पैटर्न को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि भारतीय शहरों जयपुर और बीकानेर से एक “पवन पूल” इस क्षेत्र में प्रवेश कर गया है, जिससे प्रदूषण संकट पैदा हो गया है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार ने पिछले हफ्ते स्मॉग को ‘आपदा’ घोषित कर दिया था। धुआं, प्रदूषकों और कोहरे के आपस में मिल जाने से स्मॉग का निर्माण होता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बन सकता है।
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भारत में, दिल्ली भी वायु प्रदूषण संकट की कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना कर रही है। शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में सुबह 9:00 बजे AQI 359 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता का संकेत देता है।
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी का माना जाता है।