यूक्रेन की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान शुक्रवार को ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री यूक्रेन की धरती पर आया है। यूक्रेन के 1991 में स्वतंत्र होने के बाद यह भारतीय प्रधानमंत्री की देश की पहली यात्रा है और यह दौरा उस समय हो रहा है जब यूक्रेन और रूस के बीच आक्रामक सैन्य संघर्ष जारी है।
मोदी ने युद्ध के शुरुआती दिनों में भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी में मदद के लिए जेलेंस्की का आभार जताया। दोनों नेताओं के बीच वार्ता का ब्योरा देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को यूक्रेन में शांति बहाली के लिए ‘हर संभव तरीके’ से योगदान करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत विस्तृत, खुली और कई मायनों में रचनात्मक वार्ता थी।’
उन्होंने कहा कि बातचीत कुछ हद तक सैन्य स्थिति, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चिंताओं और ‘शांति के लिए सभी संभव तरीकों’ पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन वैश्विक शांति सम्मेलन में भारत की भागीदारी जारी रखना चाहता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और देशों की संप्रभुता की रक्षा जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सहयोग जारी रखने के वास्ते अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जमीनी स्थिति और कूटनीतिक परिदृश्य, दोनों के बारे में राष्ट्रपति से उनका आकलन जाना। उन्होंने बताया कि जेलेंस्की ने दोनों मुद्दों पर बात की।
जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बातचीत में प्रमुख स्थान दिया गया। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की के साथ मुलाकात के दौरान व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, औषधि, कृषि और शिक्षा पर चर्चा हुई। मोदी और जेलेंस्की ने भारत-यूक्रेन अंतर-सरकारी आयोग को विशेष रूप से व्यापार और आर्थिक संबंधों के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का काम सौंपा।
प्रधानमंत्री सुबह एक विशेष ट्रेन में कीव पहुंचे और यूक्रेन के पहले उप प्रधानमंत्री ने उनकी अगवानी की। पोलैंड से लगभग 10 घंटे की ट्रेन यात्रा के बाद हयात होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके तुरंत बाद मोदी ने यूक्रेन राष्ट्रीय संग्रहालय में शहीदों पर आधारित एक मल्टी-मीडिया प्रदर्शनी का मुआयना किया, जहां जेलेंस्की ने गर्मजोशी से प्रधानमंत्री से हाथ मिलाया और उन्हें गले लगाया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष में जान गंवाने वाले बच्चों की याद में स्थापित मार्मिक प्रदर्शनी देखकर प्रधानमंत्री का मन भर आया। मोदी ने इस पर शोक जताया और मारे गए बच्चों के सम्मान में उन्हें याद करते हुए एक खिलौना रखा।
जेलेंस्की के साथ बातचीत से पहले मोदी ने कीव में ‘ओएसिस ऑफ पीस’ पार्क स्थित सत्य और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी ने सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण में गांधी के शांति के संदेश की कालातीत प्रासंगिकता को रेखांकित किया और कहा कि उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री की कीव यात्रा को कई हलकों में कूटनीतिक संतुलन के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि उनकी रूस यात्रा से पश्चिमी देशों में नाराजगी पैदा हो गई थी। कीव की यात्रा से लगभग छह सप्ताह पहले मोदी ने रूस की यात्रा की थी, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ संघर्ष समाप्ति के मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया था। कीव यात्रा से पहले मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से वार्ता की थी।
बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सभी संभव प्रयास करेगा, जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि ‘बातचीत और कूटनीति’ के माध्यम से ही शांति बहाल की जा सकती है। बैठक में जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को कीव आने का निमंत्रण दिया था।