भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शुक्रवार को समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। इसका मकसद दोनों देशों के बीच वस्तुओं का कारोबार 5 साल में दोगुना बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करना है।
बातचीत का पहला दौर 5 महीने पहले शुरू हुआ था।
अधिकारियों ने कहा कि व्यापार सौदे के तहत उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश 1 अप्रैल से विभिन्न क्षेत्रों की बड़ी संख्या में वस्तुओं के शुल्क मुक्त पहुंच को अनुमति देंगे। एक अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ‘कुछ (अन्य) सामानों पर शुल्क चरणबद्ध तरीके से घटाया जाएगा।’
भारत व यूएई के बीच सीईपीए व्यापार समझौतों में पहला समझौता होगा। भारत ने इस तरह के कई व्यापार समझौतों का लक्ष्य रखा है, जो वह अगले कुछ महीनों में अन्य विकसित देशों के साथ करने की तैयारी कर रहा है। इस समय यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और अमेरिका के बाद दूसरा बड़ा निर्यात केंद्र है।
इस व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल जेयोदी राष्ट्रीय राजधानी में
उपस्थित रहेंगे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज एवं यूएई के सशस्त्र बलों के उप सर्वाेच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान शुक्रवार को डिजिटल माध्यम से शिखर बैठक करेंगे।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश अपना दृष्टिकोण रखने के साथ दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मित्रवत संबंधों पर चर्चा करेंगे। यह शिखर बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहा है जबकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा के साथ ही साझा हितों से संबंधित क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।’
भारत की दिलचस्पी कपड़ा, आभूषण, फुटवीयर, चमड़े के उत्पाद और हस्तशिल्प के सामान में है, वहीं यूएई फिनटेक, खाद्य, मेडिकल उपकरण, पेट्रोकेमिकल उपकरण और उसके सहउत्पादों, व अन्य में दिलचस्पी ले रहा है।
भारत से यूएई निर्यात होने वाले प्रमुख सामान में पेट्रोलियम उत्पाद, कीमती धातु, पत्थर, रत्न एवं आभूषण, मिनरल्स, खाद्य वस्तुएं जैसे मोटे अनाज, चीनी, फल और सब्जियां, चाय, मांस और समुद्री खाद्य, कपड़ा, इंजीनियरिंग और मशीनरी उत्पाद, रसायन शामिल हैं। यूएई से भारत मंगाई जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में पेट्रोलियम व पेट्रोलियम उत्पाद, कीमती धातुएं, पत्थर, रत्न एवं आभूषण, मिनरल्स, केमिकल्स, लकड़ी व लकड़ी के उत्पाद शामिल हैं।