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India-Australia CECA: ऑस्ट्रेलिया में चुनाव के कारण व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते पर वार्ता में होगी देर!

फरवरी के बाद से ऑस्ट्रेलिया में माहौल चुनावी हो जाएगा। ऐसे में समझौता वार्ता इसके बाद ही होगी।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- December 29, 2024 | 11:49 PM IST

India-Australia CECA: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रस्तावित व्यापक व्यापार समझौते पर पर्याप्त प्रगति के बावजूद इससे जुड़ी बातचीत में देर हो सकती है। सूत्रों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में अगले वर्ष मई में चुनाव होने से देर की संभावना है। एक सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को अंतिम रूप देने के लिए अब भी कई मुद्दों पर चर्चा करने और उनका हल निकालने की जरूरत है। फरवरी के बाद से ऑस्ट्रेलिया में माहौल चुनावी हो जाएगा। ऐसे में समझौता वार्ता इसके बाद ही होगी।’

इस महीने की शुरुआत में व्यापक व्यापार समझौते की जायजा बैठक के दौरान वाणिज्य विभाग ने कहा था कि भारत और ऑस्ट्रेलिया ने समझौते को जल्द ही निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए एक रूपरेखा तैयार की है। बैठक के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया ने प्रस्तावित समझौते के कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।

इनमें वस्तुओं का व्यापार, सेवा क्षेत्र, आवागमन, कृषि प्रौद्योगिकी सहयोग और अन्य शामिल हैं। भारत के खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के अनुरूप बाजार पहुंच के तौर-तरीके पर भी चर्चा हुई। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जनवरी में वार्ता का एक और दौर होगा या नहीं। भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए वार्ता की शुरुआत फरवरी 2023 में हुई थी। वार्ता के 10 दौर पूरे हो चुके हैं और दोनों देशों ने प्रस्तावित समझौते के विभिन्न पहलुओं पर ‘महत्त्वपूर्ण प्रगति’ की है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले से ही अंतरिम व्यापार समझौता है। इसे आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) कहा जाता है। इस समझौते पर अप्रैल 2022 में हस्ताक्षर किए गए थे लेकिन यह दो वर्ष पहले यानी 29 दिसंबर 2022 को प्रभावी हुआ था।

ईसीटीए पर प्रगति

वाणिज्य विभाग ने रविवार को बताया कि इस पर अमल किए जाने के बाद से भारतीय निर्यातकों ने ईसीटीए का इस्तेमाल 79 प्रतिशत तक किया है जबकि आयात के लिए उपयोग 84 प्रतिशत रहा है। व्यापार समझौतों में उपयोगिता दर एक प्रमुख मानदंड है जिसका इस्तेमाल यह पता करने के लिए किया जाता है कि समझौता किस तरह काम कर रहा है। इसका इस्तेमाल वस्तुओं के निर्यात में हो रहा है या आयात में।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर कहा, ‘इस ऐतिहासिक समझौते से भारतीय निर्यातकों की बाजार पहुंच का दायरा बढ़ा है। साथ ही छोटे और मझोले उद्योगों और किसानों के लिए मौके बढ़े हैं और रोजगार के कई अवसर भी पैदा हुए हैं। इसने वर्ष 2023-24 में निर्यात में 14 प्रतिशत की वृद्धि को संभव बनाया है। इससे आईटी, व्यापार और यात्रा सेवाएं, पढ़ाई के बाद काम करने या वर्क हॉलिडे वीजा में भी तेजी आई है।’

भारत से कपड़ा, रसायन और कृषि से जुड़े क्षेत्रों की ओर से विदेश में माल भेजने की रफ्तार अच्छी-खासी बढ़ी है जबकि हीरे जड़े सोने और टर्बोजेट जैसे नए उत्पादों का निर्यात भी देखा जा रहा है। इससे निर्यात उत्पादों की विविधता का संकेत मिलता है।

वाणिज्य विभाग के मुताबिक दोनों देशों ने वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि विभाग के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में दोंनों देशों के बीच व्यापार घटा है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले सात महीने के दौरान ऑस्ट्रेलिया में किए गए वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में सालाना 10 प्रतिशत की कमी आई और यह 4.9 अरब डॉलर रह गया।

First Published : December 29, 2024 | 11:47 PM IST