अंतरराष्ट्रीय

गाजा में मानवीय संकट, तत्काल मदद की जरूरतः जयशंकर

इजरायल पर हमास के हमले और बंधक मसले को आतंकी घटना बताते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के मसले पर समझौता नहीं हो सकता।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- November 21, 2023 | 9:29 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा है कि गाजा इस समय मानवीय संकट से जूझ रहा है और उसे तत्काल मानवीय सहायता की जरूरत है।

दिल्ली में इंडिया-ऑस्ट्रेलिया फॉरेन मिनिस्टर्स फ्रेमवर्क डॉयलाग की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि इजरायल और हमास में चल रहे टकराव पर ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग के साथ मंगलवार को बातचीत हुई।

इजरायल पर हमास के हमले और बंधक मसले को आतंकी घटना बताते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के मसले पर समझौता नहीं हो सकता।

इजरायल ने भारत से हमास को आतंकवादी संगठन के रूप में चिह्नित करने का अनुरोध करते हुए उसने मंगलवार को लश्कर ए तैयबा को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है।

मंत्री ने कहा, ‘यहां एक अलग मसला भी है। यह मानवीय संकट का मसला है, जो हम गाजा में आज देख रहे हैं। गाजा में मानवीय सहायता की तत्काल जरूरत है। यह अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के के मुताबिक होना चाहिए।

तीसरा मसला अधिकारों और फिलिस्तीनियों के भविष्य से जुड़ा है। इसके भी समाधान की जरूरत है।’भारत व तमाम अन्य देशों का विचार है कि यह दो देशों के बीच समाधान के रूप में होना चाहिए।

मंत्रिस्तरीय बातचीत

वॉन्ग ने कहा कि आज हम आर्थिक जुड़ाव देख रहे हैं, साथ ही शिक्षा को लेकर भी जुड़ाव है। साथ ही व्यक्तिगत स्तर पर भी सहयोग बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम यह सहयोग और ज्यादा बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’

दोनों पक्षों ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दिल्ली में दूसरी 2+2 बैठक सोमवार को की, लेकिन कोई बयान जारी नहीं किया गया।

उम्मीद की जा रही है कि जयशंकर फरवरी 2024 में ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में आयोजित इंडियन ओशन कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे। यह भी उम्मीद है कि इस दौरे में रायसीना संवाद का ऑस्ट्रेलियाई संस्करण देखने को मिल सकता है। भारत अगले साल की शुरुआत में क्वाड लीडर्स सम्मेलन भी कराएगा।

हिंद महासागर के अलग अलग छोर पर ऑस्ट्रेलिया और भारत की हिंद महासागर की सबसे बड़ी तटरेखा है। अमेरिका और जापान के साथ भारत 4 देशों के चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (क्वाड) गठबंधन में भागीदार हैं।

जयशंकर ने कहा, ‘पिछले कुछ साल में क्वाड ने उल्लेखनीय प्रगति की है। स्वाभाविक झुकाव इसे आगे बढ़ाने और नए क्षेत्रों को शामिल करने को लेकर है। आज हमारी ज्यादातर वार्ता क्वाड में ज्यादा कुछ करने को लेकर केंद्रित है।’

जयशंकर ने कहा कि ‘ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच निकट संबंध है। यह जरूरी है कि ऑस्ट्रेलिया विभिन्न मसलों पर हमारे पक्ष को देखे। हमारे विचार से प्रमुख मसला कनाडा में चरमपंथ और उग्रवाद को जगह जिए जाने को लेकर है।’

First Published : November 21, 2023 | 9:22 PM IST