रूस के कच्चे तेल पर मिल रही छूट के बावजूद आयात में कमी आ रही है। यह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद के निचले स्तर पर पहुंच गई है। रिफाइनरी के अधिकारियों ने कहा कि कुछ ग्रेड के तेल के आयात पर बढ़ते प्रतिबंधों और चुनौतियों के बावजूद अगले कुछ महीनों या कम से कम जुलाई तक तेल आयात का मौजूदा स्तर बना रहेगा।
प्रमुख रिफाइनरी के अधिकारी ने कहा, ‘रूस के कच्चे तेल की मांग है। अगर कुछ बड़ी घटना नहीं होती है तो अब शिपमेंट कम होने की संभावना नहीं है। बातचीत चल रही है और खरीद जारी रहेगी।’ अन्य अधिकारी ने भी इसे दोहराते हुए कहा कि करीब सभी रिफाइनरियों ने अगले कुछ महीने रूस से कच्चा तेल लेने की योजना बनाई है।
रूस के जहाज के बेड़ों पर प्रतिबंध है, वहीं भारत जी7 देशों की तर्ज पर टैंकरों से ढुलाई बढ़ा रहा है। एसऐंडपी ग्लोबल के मुताबिक पिछले एक महीने में जी7 देशों की कंपनियों ने रूस के कुल कच्चे तेल के निर्यात में से 33 प्रतिशत या 11 लाख बैरल रोजाना से थोड़ा अधिक तेल मंगाया है।