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Chandrayaan-3: हम चांद पर, दुनिया की निगाहें भारत पर; अमेरिका की कई हस्तियों और अखबारों ने दी ISRO को बधाई

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा, 'इस मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 24, 2023 | 4:07 PM IST

बुधवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर भारत का मून मिशन पूरी दुनिया के लिए गौरवगाथा लिख रहा था। देश-विदेश की अंतरिक्ष एजेंसियों से लेकर राजनेताओं, समाचार पत्रों की तरफ से बधाइयों और खुशियों का संदेश भारत की ओर आने लगा। दुनिया जहां ISRO का गुणगान गा रही थी वहीं भारत के लिए यह पल गौरवान्वित होने वाला था। इस बीच अमेरिका भी भारत की खुशी में शामिल होने से पीछे नहीं रहा। आइये जानते हैं क्या कहा अमेरिका की राजनीति से लेकर उद्योग तक की बड़ी हस्तियों ने-

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा- इस मिशन से हम भी जुड़े रहे जिसपर हमें गर्व है
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चंद्रयान -3 की सफलतापूर्वक और ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत को बधाई।’

हैरिस ने कहा, ‘इस मिशन में शामिल सभी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। हमें इस मिशन और अंतरिक्ष खोज में आपके साथ व्यापक रूप से जुड़े रहने पर गर्व है।’

उपराष्ट्रपति हैरिस ‘नेशनल स्पेस काउंसिल’ की प्रमुख भी हैं। हैरिस की मां भारतीय थीं। इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे में अंतरिक्ष सहयोग, चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक था। मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत ने आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और साथ ही दोनों देशों ने मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर काम करने का फैसला किया था।

NASA ने जताई खुशी
नासा (NASA) के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा, ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर इसरो को बधाई। भारत को चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की सफलतापूर्वक सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने पर बधाई। हम इस मिशन में आपके भागीदार बनकर खुश हैं।’

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा- भारक के साथ साझेदारी को लेकर उत्सुक
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए इसरो और भारत के लोगों को बधाई। आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष खोज पर हम भारत के साथ अपनी साझेदारी को और गहरा करने के लिए उत्सुक एवं तत्पर हैं।’

कांग्रेस से और सदस्यों ने भेजा बधाई संदेश
सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर जॉन कॉर्निन ने कहा कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 का उतरना ‘नए भारत की जीत की हुंकार’ है। कांग्रेस के सदस्य रिच मैककॉर्मिक ने कहा, ”यह भारत में हमारे दोस्तों के लिए एक अद्भुत उपलब्धि है।’

कांग्रेस सदस्य डॉन बेयेर ने इसरो को और ‘इस अभूतपूर्व उपलब्धि को संभव’ बनाने के लिए काम करने वाले सभी लोगों को बधाई दी। कांग्रेस के भारतीय अमेरिकी सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि विक्रम लैंडर का चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरना भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि और दुनिया के लिए चंद्रमा के रहस्यों की खोज की दिशा में बड़ा कदम है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सत्या नडेला और गूगल के सुंदर पिचाई ने भारत के चंद्रयान मिशन की सफलता की सराहना की।

माइक्रोसॉफ्ट के CEO ने रोमांचक क्षण बताया
नडेला ने कहा, ‘चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग पर मैं इसरो को बधाई देता हूं। भारत और अंतरिक्ष खोज के भविष्य के लिए यह कितना रोमांचक क्षण है।’

Google के CEO ने इतिहास रचने पर जताई खुशी
पिचाई ने चंद्रयान को एक अविश्वसनीय क्षण करार दिया और कहा, ‘चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया।’

IMF ने बताया मानवता के लिए बड़ी उपलब्धि
IMF की पहली उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा, ‘क्या बात है, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग भारत के लिए और संपूर्ण मानवता के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसरो और भारत में सभी को बधाई।’

अफ्रीकी अमेरिकी गायिका मैरी मिलिबेन ने विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किए गए अपने वीडियो संदेश में कहा, ‘भारत, आपने तो इतिहास रच दिया आज। जितनी तारीफ़ की जाए, कम है।’

द वॉलस्ट्रीट जनरल से लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट तक भारत की सराहना में जाहिर की खुशी
मुख्यधारा के अमेरिकी अखबारों ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की है। पूर्व में इनमें से कई अखबारों ने भारत के अंतरिक्ष मिशन को लेकर संदेह जताया था और कार्टूनों के माध्यम से मजाक भी उड़ाया था।

न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है, ‘चंद्रयान-3 मिशन ने भारत को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला देश बना दिया और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नयी उपलब्धि जोड़ दी है।’

वॉशिंगटन पोस्ट ने चंद्रयान-3 पर अलग अलग खबरें दी हैं और इस ऐतिहासिक अवसर पर एक अपने विचार व्यक्त किए हैं।

अखबार के ‘डेप्युटी ओपीनियन एडीटर’ डेविड वॉन ड्रेहले ने लिखा है ‘यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक अतुलनीय उपलब्धि और भूराजनीति में महत्वपूर्ण बल का एक प्रतीक भी है। उसी जगह पर उतरने का रूस का प्रयास हाल ही में विफल होना उसी तरह था मानो रूस के पतन में और तेजी आ गई हो। इसके बाद भारत ने यह उपलब्धि हासिल कर ली।’

द वाल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा, ‘भारत चंद्रमा पर : चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक उतरा।’

बता दें कि चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चांद पर पहुंचने के साथ ही एक और उपलब्धि भारत के नाम हो गई। इस उपलब्धि के साथ ही भारत, अमेरिका, रूस और चीन के साथ उस विशिष्ट सूची में शामिल हो गया, जिनके पास चंद्रमा की सतह पर अपना रोवर है तो वहीं चांद की सतह का साउथ पोल चूमने वाला पहला देश। इसमें भी दिलचस्प बात यह भी थी कि भारत का चंद्रयान-3 दुनियाभर के मुकाबले सबसे कम खर्च में चांद पर पहुंचा था। चंद्रयान-3 के लिए भारत ने केवल 615 करोड़ रुपये खर्च किए थे जिसका बजट कई फिल्मों से भी कम आता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मानना है कि चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पानी का पता चल सकता है।

चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया। अभी तक कोई भी अन्य देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच पाया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिणी ध्रुव पर जमे हुए पानी और बहुमूल्य तत्वों के महत्वपूर्ण भंडार हो सकते हैं। दक्षिणी ध्रुव पर जा रहा रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान रविवार को अनियंत्रित होकर चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

First Published : August 24, 2023 | 4:07 PM IST