डीपसीक पर अभी चर्चा चल ही रही थी कि चीन की एक अन्य कंपनी अलीबाबा ने आज दावा कर दिया कि उसके क्वेन 2.5 एआई मॉडल के नए संस्करण ने डीपसीक-वी3 की उपलब्धियों को पीछे छोड़ दिया है।
इस बीच भारत में इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि डीपसीक का किफायती सेटअप उद्यमियों को भारत में कुछ अनूठा करने के लिए प्रेरित करेगा या नहीं। केंद्र सरकार ने अगले 5 साल में 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) लगाने पर 10,300 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार भारत की पहली जीपीयू इस साल के अंत तक तैयार हो जाएगी। सरकार हार्डवेयर के मोर्चे पर ध्यान केंद्रित कर रही है और एआई नीति पर भी काम चल रहा है।
हाल में बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में वैष्णव ने कहा था, ‘इन सब पर चर्चा चल रही है। सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता वाली समिति ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के नियम-कायदों पर अपनी रिपोर्ट दी है। हम सिफारिशों पर विचार कर रहे हैं।’ केंद्र की नीतियों के साथ ही राज्य भी अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के साथ एआई को अपना रहे हैं। केंद्र द्वारा ‘इंडियाएआई मिशन’ शुरू किए जाने से पहले ही कई राज्यों ने एआई की दिशा में साहसिक और नीतिगत पहल कर दी थीं, जो राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप हैं।
इंटेलिजेंस पहल के मामले में दक्षिण के राज्य सबसे आगे हैं और इन राज्यों में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी से भी इसका पता चलता है।
तमिलनाडु
भारतीय राज्यों में सबसे पहले तमिलनाडु ने 2020 में नैतिक और जिम्मेदार विकास पर केंद्रित व्यापक एआई नीति पेश की थी। इसने तमिलनाडु आर्टिफिशल इंटेलिजेंस मिशन (टीएनएआईएम) भी शुरू किया है और एआई के लिए समर्पित उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहा है। इससे तमिलनाडु को भारत में एआई का अड्डा बनने में मदद की और यह गूगल, पेपल, अप्लाइड मैटेरियल्स और एमेजॉन वेब सर्विसेज आदि जैसे वैश्विक दिग्गजों से निवेश आकर्षित कर रहा है।
राज्य में एआई का विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग किया जा रहा है। चेन्नई में यातायात व्यवस्था में सुधार लाने से लेकर, 3,000 सरकारी स्कूलों और दफ्तरों में चेहरे से पहचान (फेशियल रिकॉग्निशन) के जरिये हाजिरी प्रणाली लागू करने, किसानों को जरूरी जानकारी देने आदि में एआई का उपयोग कर तमिलनाडु देश में एआई क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। राज्य भर में एआई प्रयोगशालाएं खोलने की योजना से लेकर एआई के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने, वैश्विक बड़ी कंपनियों के साथ गठजोड़ करने और समर्पित एआई मिशन तक तमिलनाडु भारत में एआई क्रांति में अन्य राज्यों से आगे है।
सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु सरकार अपनी आईटी नीति में बदलाव करने की संभावना तलाश रही है और एआई नीति में एआई पर एक अलग से खंड शामिल किया जाएगा। यह नीति इस साल आने की उम्मीद है।
कुशल श्रमबल के लिए तमिलनाडु ने वैश्विक तकनीकी दिग्गजों से गठजोड़ किया है जिनमें चिप विनिर्माता और दुनिया की ससे मूल्यवान कंपनी एनवीडिया, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और एमेजॉन वेब सर्विसेज शामिल हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य 2027 तक 5 लाख एआई पेशेवरों को प्रशिक्षित करना है। राज्य ने एआई संबंधित पहल के लिए 26 से ज्यादा कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
तेलंगाना
तेलंगाना भी अपनी एआई नीति और सामाजिक और औद्योगिक क्षेत्रों में इससे जुड़ी पहल के माध्यम से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में बड़ी छलांग लगाई है। तेलंगाना हैदराबाद के पास 200 एकड़ में एआई सिटी बनाकर खुद को एआई राजधानी के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। एआई सिटी को देश में एआई अनुसंधान और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करने की योजना है।
‘एडवांटेज तेलंगाना’ पहल के अंतर्गत माइक्रोसॉफ्ट माध्यमिक स्कूलों के 50,000 छात्रों, 10,000 पेशेवर पाठ्यक्रम वाले छात्रों, 20,000 उद्योग के कर्मचारियों और 50,000 सरकारी अधिकारियों को एआई, डिजिटल उत्पादकता और साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण देगी। इसी तरह एनवीडिया कंपनी की डीप लर्निंग इंस्टीट्यूट (डीएलआई) प्रोग्राम के माध्यम से 200 तकनीकी और उच्च शिक्षण संस्थानों के 5,000 छात्रों को एआई का प्रशिक्षण देगी। राज्य सरकार मेटा के साथ मिलकर जेनरेटिव एआई के माध्यम से ई-गवर्नेंस शुरू करने की प्रक्रिया में है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूटीसीए) हैदराबाद के पास एक एआई-केंद्रित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बना रहा है।
आंध्र प्रदेश
‘साइबराबाद’ के जनक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडु का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक परिवार में एआई पेशेवर बनाना है। राज्य ने हाल ही में गूगल के साथ स्कूल स्तर से से ही उद्योग, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरणीय स्थायित्व समाधानों के लिए एआई-संबंधित सेवाओं पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के लिए समझौता किया है।
आंध्र प्रदेश सरकार माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से 50 लाख छात्रों के बीच स्कूल छोड़ने की संभावना वाले छात्रों की पहचान करने, ट्रांसमिशन कंपनियों के लिए बिजली की मांग का पूर्वानुमान लगाने, पेंशनभोगियों के लिए एआई-आधारित पहचान प्रणाली और उपज बढ़ाने में किसानों की सहायता करने के लिए एआई का उपयोग करने में अग्रणी रहा है।
आंध्र प्रदेश विशाखापट्टनम के समीप डेटा सेंटर और एआई केंद्र के लिए डेटा सिटी भी विकसित कर रहा है। इससे 20 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
कर्नाटक
कर्नाटक ने 2018 के आरंभ में नैसकॉम के सहयोग से बेंगलूरु में डेटा साइंस एवं आर्टिफिशल इंटेलिजेंस में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई डीएसएआई) की स्थापना की थी। उसके बाद नीतिगत स्तर पर कई पहल की गई जिनसे राज्य में एआई और एमएल को बढ़ावा मिला है। दिग्गज वैश्विक कंपनियों को एआई से संचालित समाधान प्रदान करने में अग्रणी बनने के लिए राज्य ने पिछले साल एक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) नीति तैयार की। उसका उद्देश्य 2029 तक 500 अतिरिक्त केंद्र खोलना और 3,50,000 से अधिक नौकरियां पैदा करना है। राज्य एआई/एमएल के लिए एक प्रशासनिक इकाई स्थापित करने पर भी काम कर रहा है। इसके अलावा एआई/एमएल से संबंधित व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम लेने वाले 200 से अधिक छात्रों को सरकार से वजीफा मिल रहा है।
केरल
केरल प्रौद्योगिकी संबंधी निवेश पर काफी ध्यान केंद्रित कर रहा है। उसने एक औद्योगिक नीति भी तैयार की है जिसके तहत एआई आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा यह नीति एआई से संचालित एमएसएमई और कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए लगभग 18 प्रोत्साहन भी प्रदान करती है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र ने भी बेहतर औद्योगिक विकास के लिए एक एआई नीति लाने की घोषणा की है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र जल्द ही अपनी स्वतंत्र एआई नीति का मसौदा तैयार करेगा ताकि राज्य को इस क्षेत्र के एक प्रमुख खिलाड़ी और तकनीकी प्रगति में अग्रणी के तौर पर स्थापित किया जा सके।
गुजरात
पिछले साल दिसंबर में गुजरात ने एआई टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की थी ताकि राज्य को तकनीक आधारित शासन एवं तकनीक आधारित सामाजिक-आर्थिक विकास में अग्रणी बनाया जा सके। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गिफ्ट सिटी में एआई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह केंद्र मशीन लर्निंग, कॉग्निटिव सर्विसेज और बॉट सर्विसेज जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकी का लाभ उठाएगा। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसके अलावा सफल परियोजनाओं को लागू किया जाएगा और प्रशिक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। यह एआई केंद्र सरकार और उद्योग दोनों को व्यापक सहायता प्रदान करेगा।
First Published : January 29, 2025 | 10:29 PM IST