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‘बड़ा कंटेनर बंदरगाह होगा वधावन’, PM मोदी ने रखी 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना की नींव

इस परियोजना के तहत, 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मशीनीकृत और मोटर चालित मछली पकड़ने वाले जहाजों पर चरणबद्ध तरीके से एक लाख ट्रांसपोंडर लगाए जाएंगे।

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भाषा   
Last Updated- August 30, 2024 | 11:10 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वधावन देश का सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह होगा। इस परियोजना का उद्देश्य एक विश्व स्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है, जो बड़े कंटेनर जहाजों की ज़रूरतों को पूरा करते हुए समुद्र के तटीय तल को गहरा बनाकर तथा अति‍ विशाल मालवाहक जहाजों को समायोजित करके देश के व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

पालघर जिले के दहानू शहर के पास स्थित वधावन बंदरगाह भारत के सबसे बड़े गहरे पानी के बंदरगाहों में से एक होगा। यह अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों को सीधा संपर्क प्रदान करेगा, जिससे पारगमन समय और लागत कम होगी। एक बार चालू होने के बाद, यह बंदरगाह भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लगभग 360 करोड़ रुपये की लागत से पोत संचार और सहायता प्रणाली के नेशनल रोल आउट की शुरुआत भी की।

इस परियोजना के तहत, 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मशीनीकृत और मोटर चालित मछली पकड़ने वाले जहाजों पर चरणबद्ध तरीके से एक लाख ट्रांसपोंडर लगाए जाएंगे। मोदी ने 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि 2014 में देश का मछली उत्पादन केवल 80 लाख टन था, लेकिन अब भारत लगभग 170 लाख टन मछली का उत्पादन करता है। इसका मतलब है कि केवल 10 वर्षों में हमने मछली उत्पादन को दोगुना कर दिया है।

मोदी ने कहा कि विकसित महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 वर्षों में हमने महाराष्ट्र की प्रगति के लिए लगातार बड़े फैसले लिए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य और पूरे देश को महाराष्ट्र की क्षमताओं का लाभ मिले, वधावन बंदरगाह की आधारशिला आज रखी गई है।’

शिवाजी की प्रतिमा ढहने पर प्रधानमंत्री ने मांगी माफी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के तटीय सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने को लेकर भारत के इस वीर सपूत के साथ ही, इस घटना से आहत लोगों से भी शुक्रवार को माफी मांगी। वधावन परियोजना की आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज मेरे लिए सिर्फ नाम नहीं हैं, हमारे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य देव हैं। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, आज मैं सिर झुकाकर अपने आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज जी के चरणों में मस्तक रखकर माफी मांगता हूं।’

First Published : August 30, 2024 | 11:10 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)