लोक सभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात में 1.06 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें रेलवे की 85,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं भी शामिल हैं। रेलवे की जिन परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई गई, उनमें दस वंदे भारत ट्रेन सेवाएं भी हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में केंद्र सरकार का पूरा जोर से रेलवे का ढांचा दुरुस्त करने पर रहा है।
नई शुरू होने वाली वंदे भारत रेलगाड़ियां अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूर-चेन्नई, पटना-लखनऊ, नई जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून कलबुर्गी-सर एम विश्वैश्वरैया टर्मिनल बेंगलूरु, रांची-वाराणसी और खजुराहो- दिल्ली (निजामुद्दीन) के बीच चलेंगी।
मंगलवार को चार वंदे भारत ट्रेनों का विस्तार भी किया गया है। वंदे भारत का स्लीपर संस्करण बहुत जल्द लॉन्च होने वाला है। इससे मौजूदा समय में छोटे रूटों पर चल रहीं ट्रेनों को लंबी दूरी पर चलाने में खासी मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा कि केंद्र के दृष्टिकोण से तालमेल बिठाकर रेलवे में सुधार के कई कार्य किए गए हैं। इनमें हर साल अलग से पेश होने वाले रेलवे बजट को मुख्य आम बजट में शामिल कनना भी शामिल रहा है।
पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार ने रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बनाने जैसा जोखिम भरा कदम उठाया है। अब रेलवे का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। रेलवे में बदलाव विकसित भारत की गारंटी है। रेलवे में रिकॉर्ड निवेश आया है। नतीजतन कई क्षेत्रों में इसकी क्षमता में विस्तार किया गया है।
कई बड़ी दुघटनाओं को देखते हुए रेलवे ने रोलिंग स्टॉक प्रणाली लागू की है। इसके तहत रखरखाव और मरम्मत का कार्य साल में दो बार किए जाएंगे। इससे महत्त्वपूर्ण यह कि रेल मशीनरी में मरम्मत या सुधार की जरूरत बहुत कम रह जाती है।
अन्य परियोजनाओं में प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का भी उद्घाटन किया। साथ ही ईस्टर्न डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर के कई खंडों का भी उद्घाटन किया। नया खंड पंजाब और बिहार को जोड़ता हैं। पश्चिमी डेडिकेड में लगातार देर होती जा रही है। अब इसके 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पेट्रोनेट एलएनजी के दहेज में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पेट्रोकेमिकल्स कांप्लेक्स की आधारशिला रखी। इस परियोजना के मूर्त रूप ले लेने के बाद ऐसी संभावना है कि देश में हाइड्रोजन उत्पादन में काफी मददगार साबित होगा।