रेल मंत्रालय इस वर्ष स्वदेशी टक्कर रोधी प्रणाली कवच के नवीनतम संस्करण को शीघ्र लागू करने पर विचार कर रहा है। मंत्रालय ने 20,000 लोकोमोटिव में कवच लगाने के लिए निविदा जारी करने की योजना बनाई है। साथ ही मंत्रालय स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग पर 3,000 रूट किलोमीटर (आरकेएम) पर भी कवच लगाने की योजना बना रहा है।
मंत्रालय 20,000 इंजनों में कवच लगाने के लिए निविदाएं जारी करने की योजना बना रहा है और दिल्ली-मुंबई-चेन्नई-कोलकाता के बीच स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग पर 3,000 मार्ग किलोमीटर (आरकेएम) पर भी कवच लगाने की योजना बना रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा, ‘10,000 इंजनों की 2 थोक निविदाएं जल्द जारी की जाएंगी। हमारा लक्ष्य है कि एक निविदा का काम इस साल अक्टूबर तक पूरा हो जाए।’
‘हमने आरडीएसओ द्वारा कवच 4.0 को मंजूरी दिए जाने बाद पिछले महीने यह क्षमता मंजूर की है। बाधारहित कवरेज सुनिश्चित करने के लिए एक समानांतर व्यवस्था बनाने का विचार है। इंजनो के साथ 3,000 आरकेएम में नई व्यवस्था होगी।’
उन्होंने कहा कि कवच के पहले के वर्जन पर चल रहा मौजूदा नेटवर्क भी एडवांस बनाया जाएगा। मंत्री ने कहा, ‘अगले 4 साल में कवच सभी भौगोलिक क्षेत्रों और सभी इंजनों में लगा होगा। नए इंजन कवच 4.0 के साथ आ रहे हैं। अगले 4 साल में 20,000 इंजनों में कवच इंस्टाल होंगे।’
दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-चेन्नई खंड के लिए 3,300 रूट किलोमीटर और महत्त्वपूर्ण ऑटोमेटिक खंडों के लिए 5,000 रूट किलोमीटर के लिए निविदाएं जारी की गई हैं। वैष्णव ने यह भी कहा कि स्टेशनों पर कवच व्यवस्था लगाने की भी अलग योजना है। मंत्रालय ने 8,000 स्टेशनों को इस व्यवस्था में लाने का लक्ष्य रखा है, जिससे रेलगाड़ियों पर स्टेशनों में संचार को बढ़ावा दिया जा सके।
इस साल जून में कंचनजंगा ट्रेन दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद कवच फिर से सुर्खियों में आ गया, जो इस मार्ग पर नहीं था। पिछले एक साल में यह चौथी बड़ी रेल दुर्घटना थी। इसमें जून 2023 में ओडिशा के बालासोर में हुई तिहरी ट्रेन दुर्घटना भी शामिल है, जिसमें 293 लोगों की जान चली गई थी। इन सभी मार्गों पर कवच सिस्टम नहीं था।