योगी सरकार ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन (Global Investors Summit) से प्रदेश में आने वाले निवेश के लिए तय लक्ष्य को पहले ही पूरा करने के लिए कमर कस ली है। निवेशक सम्मेलन को लेकर इसी महीने विदेशों में हुए रोड शो में अपेक्षा से कहीं ज्यादा निवेश प्रस्ताव पाने के बाद अब योगी सरकार देश के बड़े शहरों में जाएगी। मुंबई, दिल्ली, बेंगलूरु, अहमदाबाद, कोलाकाता, चेन्नई जैसे शहरों में योगी सरकार के मंत्री व अधिकारी जाकर निवेशकों से संपर्क साधेंगे और उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों व सहूलियतों के बारे में बताएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन के जरिए 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य रखा है।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन को लेकर दुनिया भर के 16 देशों में हाल ही में हुए रोड शो में उत्तर प्रदेश के लिए 7 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इनमें से कुछ प्रस्तावों को लेकर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के सामने विदेश भ्रमण से वापस आई ‘टीम यूपी ने अनुभवों को साझा करते हुए प्राप्त निवेश प्रस्तावों पर प्रस्तुतिकरण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले दुनिया के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की कार्ययोजना को सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि 16 देशों में हुए रोड शो से अब तक 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का रास्ता खुला है। अकेले ब्रिटेन, अमेरिका से चार लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
निवेशक सम्मेलन प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में बड़ा आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर फॉलो-अप के उद्देश्य से हर देश के लिए वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए इनके नेतृत्व में एक डेडिकेटेड टीम बनाई जाएगी जो निवेशकों की जरूरतों, अपेक्षाओं के अनुसार हर संसाधन उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के भीतर होने वाले रोड शो के लिए नई टीम बनाई जाए। इसमें स्वतंत्र प्रभार मंत्री और राज्य मंत्रीगणों को शामिल किया जाए। देश के भीतर होने वाले रोड शो 15 जनवरी तक सम्पन्न कर लिए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन औद्योगिक समूहों के साथ एमओयू की प्रक्रिया चल रही है, उनसे संवाद करते हुए आवश्यक प्रक्रिया पूरी कराई जाए। जरूरत पड़ने पर 15 जनवरी के बाद एक बार फिर कुछ देशों में फॉलोअप भ्रमण किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि इन्वेस्ट यूपी में हर देश के लिए एक डेस्क बनाया जाए। यह डेस्क संबंधित देश के निवेशकों से सतत संवाद बनाए तथा उनकी जरूरतों का ख्याल रखे। साथ ही, नई संभावनाओं को आकार देने का कार्य भी करे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में बैठकों के दौरान निवेशकों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा आदि क्षेत्रों के साथ-साथ अनेक औद्योगिक समूहों ने गोरखपुर, काशी, प्रयागराज, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर आदि शहरों में निवेश के लिए उत्सुकता जताई है। इन क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए निवेशकों की जरूरतों के अनुसार हर संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, मेडिकल डिवाइस, केमिकल, टूरिज्म, लॉजिस्टिक्स-वेयरहाउसिंग, ग्रीन हाइड्रोजन, ईवी बैटरी विनिर्माण, एमएसएमई, दुग्ध, शिक्षा, डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस, सेमीकण्डक्टर, ड्रोन विनिर्माण, कृषि, टेक्सटाइल, स्टील मैन्युफैक्चरिंग, हॉर्टिकल्चर, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेण्ट, डेटा सेंटर, रिवर बेसिन मैनेजमेण्ट आदि सेक्टर में निवेश के लिए विभिन्न औद्योगिक समूहों ने अपने निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। डसाल्ट, सैफरॉन, एयर लिक्विड, थॉमसन, सैंमीना कॉरपोरेशन, कम्प्यूटिंग, सिलास, एचएमआई ग्रुप, सैमसंग, आइकिया, एरिक्सन, मदरसन, एनटीटी ग्लोबल, मित्सुई, जैसी कम्पनियों ने उत्साह दिखाया है।