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प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा- 22 सितंबर से जीएसटी ‘बचत उत्सव’ शुरू

राष्ट्र के नाम अपने 19 मिनट लंबे संबोधन में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- September 21, 2025 | 10:45 PM IST

अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों में उतार-चढ़ाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कल का सूर्योदय ‘बचत उत्सव’ लेकर आएगा जिससे दैनिक जरूरत का 99 फीसदी सामान और सस्ता हो जाएगा। उन्होंने नागरिकों से ‘स्वदेशी’ अपनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना होगा। हमें हर दुकान को स्वदेशी सामान से सजाना होगा।’

राष्ट्र के नाम अपने 19 मिनट लंबे संबोधन में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया, राज्य सरकारों से विनिर्माण और स्वदेशी को बढ़ावा देने का आग्रह किया। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि केंद्र-राज्य तालमेल से ही आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे जो ‘विकसित और समृद्ध भारत’ के उद्देश्य को प्राप्त करने की अनिवार्य शर्त है। उन्होंने कहा कि घटी हुई जीएसटी दरें और सरलीकृत प्रक्रिया से एमएसएमई को लाभ होगा, उनकी बिक्री बढ़ेगी और कर बोझ कम होगा। लेकिन उनके उत्पादों की गुणवत्ता उच्चतम वैश्विक मानकों के अनुरूप होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को जिन उत्पादों की जरूरत है और जिनका निर्माण देश के भीतर किया जा सकता है, उनका उत्पादन घरेलू स्तर पर ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयकर और जीएसटी दरों में कटौती का ‘डबल बोनांजा’ लोगों के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत लाएगा जो उनकी सरकार की ‘नागरिक देवोभव’ के मंत्र के प्रति संकल्प का प्रमाण है।

मोदी ने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की विकास गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि विकास की दौड़ में हर राज्य समान रूप से भागीदार बने।’ उन्होंने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है और जैसे-जैसे समय बदलता है और राष्ट्रीय जरूरतें विकसित होती हैं, अगली पीढ़ी के सुधार भी उतने ही आवश्यक हो जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने पहली बार स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा की थी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की बात करते हुए लोगों से ‘स्वदेशी’ खरीदने की अपील की थी।

मोदी ने कहा कि जुलाई 2017 से पहले, नागरिक और व्यापारी चुंगी, प्रवेश कर, बिक्री कर, उत्पाद शुल्क, वैट और सेवा कर जैसे करों के एक जटिल जाल में उलझे हुए थे।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि उस समय एक विदेशी अखबार ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें भारत में व्यापार करने वाले लोगों को होने वाली कठिनाइयों पर दु:ख जताया गया था। मोदी ने कहा कि इसमें एक कंपनी के सामने आने वाली चुनौतियों का वर्णन किया गया, जिसे बेंगलूरु से हैदराबाद तक सामान भेजना बेहद मुश्किल लगता था जिसकी दूरी सिर्फ 570 किलोमीटर है और उसने बेंगलूरु से यूरोप और फिर वापस हैदराबाद तक सामान भेजना बेहतर समझा।

आम जनता, ग्राहकों, जिनमें गरीब भी शामिल हैं, को भारत के भीतर माल परिवहन की बढ़ी हुई लागत का खामियाजा भुगतना पड़ा। मोदी ने व्यापक परामर्श प्रक्रिया की बात की, जिसमें सभी हितधारकों, विशेष रूप से राज्यों की चिंताओं को सुना और दूर किया गया, और राज्यों के योगदान को स्वीकार किया, जिसके कारण ‘एक राष्ट्र, एक कर’ के सपने को साकार किया जा सका।

नई कर संरचना के तहत केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी का स्लैब होगा जिससे खाद्य पदार्थ, दवाएं, साबुन, टूथब्रश, टूथपेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा सहित कई वस्तुएं और सेवाएं या तो कर-मुक्त होंगी या केवल 5 फीसदी कर लगेगा। होटल के कमरों पर जीएसटी की दरें कम होने से सैर सपाटा सस्ता हो जाएगा।

साथ ही घर बनाने, टेलीविजन या रेफ्रिजरेटर खरीदने या स्कूटर, बाइक या कार खरीदने जैसे अन्य सपने भी पूरे होंगे। दुकानदार जीएसटी में कटौती के लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए उत्सुक हैं और सुधारों से पहले और बाद की कीमतों की तुलना दिखाने वाले साइनबोर्ड प्रमुखता से प्रदर्शित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह स्वदेशी के मंत्र ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को सशक्त बनाया, उसी तरह अब यह भारत को समृद्धि की ओर ऊर्जा देगा।

मोदी ने दुख जताया कि कई विदेशी वस्तुएं अनजाने में दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई हैं और नागरिकों को अक्सर यह भी पता नहीं चलता है कि उनकी जेब में रखा कंघा विदेशी है या स्थानीय रूप से बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने लोगों से इस तरह की निर्भरता से खुद को मुक्त करने की अपील की और कहा कि उन्हें देश के युवाओं की कड़ी मेहनत और पसीने से बने उत्पादों को खरीदना चाहिए। उन्होंने हर घर से स्वदेशी का प्रतीक बनने और हर दुकान से भारत में बने सामान रखने का आह्वान किया।

नागरिकों को गर्व से घोषणा करनी चाहिए ‘मैं स्वदेशी खरीदता हूं’, ‘मैं स्वदेशी बेचता हूं’। उन्होंने सभी राज्यों विनिर्माण को बढ़ावा देकर, और निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाकर आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियानों का सक्रिय रूप से समर्थन करने की अपील की। मोदी ने कहा कि गरीब, मध्यम वर्ग और नव मध्यम वर्ग के लोग, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी और उद्यमी इस ‘बचत उत्सव’ से लाभान्वित होंगे।

First Published : September 21, 2025 | 10:45 PM IST