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एथेनॉल पर चीनी निर्यात निर्भर

भारत का चीनी उत्पादन 3.2 करोड़ टन अनुमानित, निर्यात पर अंतिम निर्णय एथेनॉल की मांग पूरी होने के बाद

Last Updated- December 19, 2024 | 11:37 PM IST
Preparation for increase in ethanol prices, sugar mills will get relief एथनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी की तैयारी, चीनी मिलों को मिलेगी राहत

सत्र 2024-25 में भारत के पास निर्यात के लिए 10 लाख टन अधिशेष चीनी हो सकती है लेकिन एथेनॉल की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बाद ही विदेश में चीनी की खेप भेजे जाने के बारे में अंतिम निर्णय किया जा सकता है। यह जानकारी सरकारी अधिकारी ने दी।

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने भारतीय चीनी और बॉयो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) की सालाना बैठक के इतर संवाददाताओं को बताया, ‘हमारे पास हालिया उत्पादन और खपत की जरूरतों को पूरा करने के बाद निर्यात के लिए करीब 10-12 लाख टन अतिरिक्त चीनी हो सकती है। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला एथेनॉल की सभी जरूरतों के पूरा होने के बाद ही लिया जाएगा।’

हालांकि चोपड़ा ने कहा कि इस चीनी सत्र (2024-25 का चीनी सत्र अक्टूबर से शुरू हुआ) में चीनी निर्यात की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस सिलसिले में अंतिम फैसला एथेनॉल की जरूरतों को पूरा करने के बाद स्पष्ट होगा। सरकारी गणना के अनुसार भारत का कुल चीनी उत्पादन 2024-25 सत्र में 3.2 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि ओपनिंग स्टॉक 79 लाख टन होने का अनु्मान है।

इससे आपूर्ति में कुल आपूर्ति 4 करोड़ टन होगी। भारत में 2024-25 में चीनी की कुल खपत 2.9 करोड़ टन होने का अनुमान है। हालांकि एथेनॉल के लिए 40 लाख टन इस्तेमाल होने का अनुमान है। लिहाजा 69 लाख टन अधिशेष बच सकता है। हर साल के शुरू में ओपनिंग स्टॉक होने के कारण देश में ढाई महीने चीनी की खपत की जरूरत होगी जो करीब 57-59 लाख टन है। लिहाजा निर्यात के लिए 10-12 लाख टन चीनी निर्यात के लिए हो सकती है।

First Published - December 19, 2024 | 11:37 PM IST

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