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कोविड पर राज्यों की मशीनरी सतर्क, नियमों के पालन पर जोर

उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सतर्कता नियमों का पालन करने व अस्पतालों में इंतजाम बढ़ाने के निर्देश

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शाइन जेकब   
संकेत कौल   
Last Updated- May 22, 2025 | 11:17 PM IST

दक्षिण-पूर्व एशिया में कोविड-19 की नई लहर धीरे-धीरे भारत को भी अपनी गिरफ्त में लेती दिख रही है। इसे देखते हुए केरल, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्य सतर्क हो गए हैं। स्थानीय सरकारें आम लोगों के लिए दिशानिर्देश जारी करने के अलावा अधिकारियों को जांच में तेजी लाने का निर्देश दे रही हैं। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि कोविड की नई लहर अथवा बूस्टर डोज के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। अभी घबराने जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन अस्पतालों और स्थानीय निकायों को अपनी जांच एवं निगरानी क्षमता बढ़ाने को कहा गया है।

राज्यों के अनुसार, ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट जेएन.1, एलएफ.7 और एनबी 1.8 भारत में भी चिंता का कारण बन रहे हैं। ये वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक मगर हल्के लक्षण वाले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी अब तक कोई सलाह जारी नहीं की गई है, जबकि नई लहर हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर और थाईलैंड को अपनी गिरफ्त में ले चुकी है। खबरों के अनुसार, महाराष्ट्र में भी कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। पिछली लहरों की ही तरह सबसे पहले केरल ने मास्क का उपयोग करने और सतर्कता संबंधी नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। उसने राज्य त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) को भी सक्रिय कर दिया है। राज्य में मई महीने में ही अब तक कोविड-19 के 182 नए मामले सामने आए हैं।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘दूसरे देशों में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है।’ केरल सरकार ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे कोविड के लक्षण वाले मरीजों की आरटी-पीसीआर किट के जरिये जांच करें और मास्क एवं सुरक्षा किट का भंडार तैयार रखें। लोगों से कहा गया है कि कोविड के लक्षण दिखने पर फौरन मास्क पहनना शुरू कर दें। इसी प्रकार बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बीमार लोगों के लिए भी सतर्कता संबंधी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कई जिलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड वार्ड तैयार करने के लिए कहा है। इसके अलावा पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन संयंत्र के साथ सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। ओडिशा की सरकार ने अपने नागरिकों से सतर्क रहने और कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है। लोगों से मास्क पहनने, हाथों को अच्छी तरह धोने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का आग्रह किया गया है। साथ ही किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर अधिकारियों को तुरंत सूचित करने का निर्देश दिया गया है।

तमिलनाडु सरकार ने जनता से अपील की है कि घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि राज्य अपने इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) पोर्टल के जरिये स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं निवारक चिकित्सा निदेशक टीएस सेल्वाविनायगम ने कहा, ‘स्वास्थ्य विभाग आईएचआईपी पोर्टल के जरिये कोविड सहित सभी वायरस पर करीबी नजर रख रहा है। यह पोर्टल डेटा, मॉडलिंग और विश्लेषण की वास्तविक समय में जानकारी देते हुए अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को एकीकृत करता है। अगर संक्रमण दिखेगा तो जनता को तुरंत सूचित किया जाएगा।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों और केंद्र सरकार के अस्पतालों के साथ कोविड के मुद्दे पर एक बैठक की। इसमें बताया गया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य आयुक्त शिवकुमार केबी ने कहा, ‘हम नियमित निगरानी के तहत कोविड पर भी नजर रख रहे हैं। बीमारी में किसी भी तरह की उछाल को देखने के लिए हम आईएलआई-एसएआरआई मामलों की जांच करते हैं। अगर हमें कुछ दिखता है तो तुरंत कोविड की स्थिति की जांच की जाती है। फिलहाल कुछ भी खतरनाक नहीं दिखा है।’ मई में अब तक कोविड के 30 मामले सामने आए हैं।

भारत में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 19 मई तक 257 दर्ज की गई। इनमें से लगभग सभी मामले हल्के लक्षण वाले हैं और इनके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र में कोविड से संबंधित मौत के दो मामले भी सामने आए हैं, जबकि केरल में इस वायरस के कारण मौत का एक मामला सामने आया है। खबरों के अनुसार, मुंबई में ही इस महीने कोविड के करीब 95 मामले सामने आए। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या श्वसन संक्रमण के लगभग सभी मरीजों की जांच कर रहे हैं।

डॉक्टर कमजोर व्यक्तियों को भी सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष और महामारी विशेषज्ञ राजीव जयदेवन ने कहा, ‘आम तौर पर लक्षण हल्के होते हैं और अधिकतर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है। मगर अन्य संक्रमण की तरह इसमें भी स्वास्थ्य संबंधी अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। सामान्य सर्दी-जुकाम या बुखार से पीड़ित लोगों को सलाह दी जाती है कि लक्षण के दूर होने तक वे घर पर ही रहें। इससे अन्य लोगों में वायरस फैलने की संभावना कम हो जाएगी।’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘हम पूरी तरह सतर्क हैं। स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी पूरी तरह तैयार हैं।’

First Published : May 22, 2025 | 10:36 PM IST