केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) ने 13 अक्टूबर 2025 से सभी एंपैनेल्ड अस्पतालों और क्लीनिकों में इलाज के नए रेट लागू कर दिए हैं। ये रेट केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और अन्य पात्र लोगों के मेडिकल रिइंबर्समेंट पर लागू होंगे। पहले की तरह कैशलेस इलाज भी जारी रहेगा। कुछ खास मामलों में अगर इलाज किसी गैर-एंपैनेल्ड प्राइवेट अस्पताल में हुआ, तो भी रिइंबर्समेंट मिल सकता है, लेकिन यह केवल उस शहर के Non-NABH रेट तक ही होगा। पूरी रेट लिस्ट CGHS की वेबसाइट पर Annexure I में देखी जा सकती है।
नए रेट में अस्पताल की मान्यता, प्रकार, शहर और वार्ड के अनुसार बदलाव किए गए हैं। गैर-NABH/NABL अस्पताल मान्यता प्राप्त अस्पतालों से 15% सस्ते होंगे, जबकि सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल उसी शहर के NABH मान्यता प्राप्त अस्पतालों से 15% महंगे होंगे। शहर के हिसाब से टियर II शहर (उत्तर-पूर्व भारत, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख आदि) में रेट टियर I शहर से 10% कम होंगे और टियर III शहर में 20% कम होंगे। वार्ड के हिसाब से भी बदलाव हुए हैं। इसमें सेमी-प्राइवेट वार्ड भी शामिल हैं। जनरल वार्ड का रेट 5% कम होगा और प्राइवेट वार्ड का रेट 5% ज्यादा होगा।
अब कंसल्टेशन, जांच, डे-केयर प्रोसिजर और रेडियोथेरेपी के रेट वार्ड के प्रकार से प्रभावित नहीं होंगे। कैंसर सर्जरी के लिए पुराने CGHS नियम ही लागू रहेंगे, लेकिन केमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और जांच के लिए नए रेट लागू होंगे।
CGHS ने सभी प्राइवेट एंपैनेल्ड अस्पतालों से कहा है कि वे अपना Memorandum of Agreement (MoA) अपडेट करें। पुराने MoA 13 अक्टूबर 2025 से मान्य नहीं रहेंगे। नए रेट लागू होने के 90 दिन के अंदर अस्पतालों को नई एंपैनेलमेंट प्रक्रिया पूरी करनी होगी। अगर कोई अस्पताल नई MoA को स्वीकार नहीं करता, तो उसे CGHS की लिस्ट से हटा दिया जाएगा।