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Ram Mandir: कल से रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान, ट्रस्ट सचिव चंपत राय ने की कार्यक्रम की घोषणा

अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से संबंधित पूजा मंगलवार से ही शुरु हो जाएगी।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- January 15, 2024 | 7:41 PM IST

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को गर्भ गृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सभी ट्रस्टीज उपस्थित रहेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्रारंभ होगी

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए चंपत राय ने बताया कि कार्यक्रम से जुड़ी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्रारंभ होगी। प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त वाराणसी के पुजारी गणेश्वर शास्त्री ने निर्धारित किया है। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कर्मकांड की संपूर्ण विधि वाराणसी के ही लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा कराई जाएगी।

उन्होंने बताया कि पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू होकर 21 जनवरी तक चलेगी। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम आवश्यक गतिविधियां आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होनी है वो पत्थर की है। उसका वजन अनुमानित 150 से 200 किलो के बीच होगा।

चंपत राय के अनुसार, लगभग 150 से अधिक परंपराओं के संत धर्माचार्य, आदिवासी, गिरिवासी, समुद्रवासी, जनजातीय परंपराओं के संत महात्मा कार्यक्रम में आमंत्रित हैं। इसके अतिरिक्त भारत में जितने प्रकार की विधाएं हैं चाहे वो खेल हो, वैज्ञानिक हो, सैनिक हो, प्रशासन हो, पुलिस हो, राजदूत हो, न्यायपालिका हो, लेखक हो, साहित्यकार हो, कलाकार हो, चित्रकार हो, मूर्तिकार हो, उसके श्रेष्ठजन आमंत्रित किए गए हैं।

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मंदिर प्रांगण में 8,000 कुर्सियां लगाई हैं, जहां विशिष्ट लोग बैठेंगे

मंदिर के निर्माण से जुड़े 500 से अधिक लोग जिन्हें इंजीनियर ग्रुप का नाम दिया गया है वो भी इस कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। साधु संतों में शैव, वैष्णव, शाक्त, गणपति उपासक, सिख, बौद्ध, जैन के साथ ही जितने भी दर्शन हैं सभी दर्शन, कबीर, वाल्मीकि, आसाम से शंकर देव की परंपरा, इस्कॉन, गायत्री, ओडिशा का महिमा समाज, महाराष्ट्र का बारकरी, कर्नाटक का लिंगायत सभी लोग उपस्थित रहेंगे।

चंपत राय ने कहा कि मंदिर प्रांगण में 8,000 कुर्सियां लगाई हैं, जहां विशिष्ट लोग बैठेंगे। देश भर में 22 जनवरी को लोग अपने-अपने मंदिरों में स्वच्छता और भजन, पूजन कीर्तन में हिस्सा लेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लाइव देखा जा सकेगा।

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान देश भर के विभिन्न प्रदेशों के प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों का भी वादन होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा के वादन में जितने प्रकार के वाद्ययंत्र हैं, सभी का मंदिर प्रांगण में वादन होगा।

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50 देशों के रिप्रेजेंटेटिव भी होंगे शामिल

इनमें  उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्य प्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावण हत्था, बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम,तविल, मृदंग और उत्तराखंड का हुड़का, ऐसे वाद्य यंत्रों का वादन करने वाले अच्छे से अच्छे वादकों का चयन किया गया है।

चंपत राय ने बताया कि दुनिया के 50 देशों से एक-एक व्यक्ति को श्री रामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया है। एक देश एक रिप्रेजेंटेटिव के आधार पर ऐसे 50 देशों के 53 लोग भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 22 के बाद 23 जनवरी से जो भी अयोध्या आएगा, उसे श्री रामलला के दर्शन मिलेंगे। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान परिसर के अंदर यज्ञशाला में बने 9 कुंडों में देश भर की 120 वैदिक प्रक्रियाएं संपन्न होंगी।

First Published : January 15, 2024 | 7:41 PM IST