राज्यसभा चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति ने एक अलग मोड़ ले लिया है। INDIA गठबंधन के तहत आने वाली पार्टी कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तीन विधायकों ने पाला पलट लिया और सत्ता पक्ष यानी भाजपा-जदयू(BJP-RJD) के खेमे में आ बैठे।
पाला पलटने वाले विधायकों में कांग्रेस के 2 और राजद के एक विधायक शामिल हैं। मोहनिया विधानसभा सीट से राजद की सीट से विधायक संगीता कुमारी और विक्रम से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ और चेनारी से विधायक मुरारी गौतम ने अचानक ही अपना पक्ष बदल दिया और सत्तापक्ष के साथ जा बैठे। यह नाटकीय कार्यक्रम तब हुआ, जब बिहार विधानसभा में लंच हो गया और सभी विधायक नाश्ता करने चले गए।
जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, वैसे ही राजद की संगीता कुमारी के अलावा कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम और सिद्धार्थ सिंह को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी के पीछे सदन के भीतर प्रवेश करते देखा गया।
सिद्धार्थ चौधरी ने जैसे ही अपनी ओर आने का इशारा किया, ये तीनों विधायक उनके साथ यानी सत्ता पक्ष की ओर बैठ गए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी राजग के विधायकों ने मेजें थपथपाकर इसका अनुमोदन किया।
नीतीश कुमार ने जब लालू यादव की पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ भाजपा से मिलकर सरकार फिर से बनाने का वादा पेश किया था और जब 12 फरवरी को विधानसभा में शक्ति परीक्षण किया गया तो उस दौरान भी राजद के तीन विधायक पार्टी छोड़कर नीतीश के साथ चले गए थे।
सिद्धार्थ सिंह के बारे में कहा जाता है कि वे कांग्रेस के राज्य नेतृत्व से नाखुश थे, उन्होंने उस समय अपने विक्रम निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व व्यस्तताओं का हवाला देते हुए बिहार छोड़ने से इनकार कर दिया था।
नीतीश कुमार के अचानक महागठबंधन छोड़ने और राजग में वापसी के चलते मुरारी गौतम को पिछले महीने अपना मंत्री पद खोना पड़ा था।
(With input from PTI)