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राजनाथ सिंह ने लगातार दूसरी बार संभाला रक्षा मंत्रालय, अगले पांच साल का रखा प्लान

सिंह ने अगले पांच साल के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार 2028-29 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने के लिए पूरा प्रयास करेगी।

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भास्वर कुमार   
Last Updated- June 13, 2024 | 10:47 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को लगातार दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाल लिया। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय का 100 दिन के एजेंडे पर तयशुदा कार्यक्रम के तहत काम आगे बढ़ेगा और हथियार एवं रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भरता पर जोर रहेगा।

लखनऊ से तीसरी बार लोक सभा चुनाव जीते 72 वर्षीय राजनाथ सिंह ने बीते रविवार को रक्षा मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। वह मोदी सरकार के पिछले 2019 से 2024 तक के दूसरे कार्यकाल में भी रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाल चुके हैं।

कार्यभार संभालने के लिए साउथ ब्लॉक पहुंचे राजनाथ का प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया। कार्यभार संभालने के तुरंत बाद सिंह ने मंत्रालय की पहले 100 दिनों की कार्ययोजना पर एक बैठक की अध्यक्षता की और अगले पांच साल के लिए अपना दृष्टिकोण पेश किया।

उन्होंने कहा कि नई सरकार सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में ध्यान केंद्रित करेगी।

रक्षा मंत्री सिंह ने अगले पांच साल के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार 2028-29 तक रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने के लिए पूरा प्रयास करेगी, जो अभी 21,083 करोड़ रुपये है।

संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियारों और प्रणालियों से लैस किया जा रहा है और वे हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच सिंह ने वीरता और प्रतिबद्धता के साथ राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए सैन्य कर्मियों की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाना है।’

सिंह ने कहा कि सरकार भारत के रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023-24 में हमारा रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह ऐतिहासिक है। हमारा लक्ष्य 2028-2029 तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के रक्षा उपकरणों का निर्यात होगा।’

अग्निपथ योजना बड़ी चुनौती

सशस्त्र बलों के लिए भर्ती की योजना अग्निपथ के बारे में राजनाथ सिंह ने कहा कि यह योजना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल होगी। भाजपा नीत राजग के सहयोगी दलों ने भी इस योजना को लेकर अपनी चिंताएं सरकार के समक्ष रखी हैं। विपक्षी दल पूरी आक्रामकता से इस योजना का विरोध करते रहे हैं। यह योजना 2022 में लायी गई थी, जिसका बड़े स्तर पर विरोध हुआ था। विरोधी आवाजों को ध्यान में रखते हुए इस योजना की विस्तृत समीक्षा पहले से ही की जा रही है।

First Published : June 13, 2024 | 10:14 PM IST