पहलगाम की बैसारन घाटी में मंगलवार को 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में फैसला लिया गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच का सिंधु जल समझौता फिलहाल सस्पेंड किया जा रहा है। इसके अलावा पंजाब के अटारी बॉर्डर को भी अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है।
भारत ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में तैनात सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर दिया है। अब उन्हें एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़ना होगा। इसी के साथ भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमीशन से भी अपने रक्षा से जुड़े अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। दोनों देशों के बीच इन पदों को अब खत्म माना जाएगा।
भारत सरकार ने SAARC वीज़ा छूट योजना के तहत पाकिस्तानियों को जारी सभी वीज़ा को रद्द कर दिया है। इसके तहत जिन पाकिस्तानी नागरिकों को पहले SPES वीज़ा (स्पेशल परमिट) दिया गया था, वो अब अमान्य हो गए हैं। जो भी पाकिस्तानी नागरिक इस वीज़ा पर भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
ALSO READ: पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में कारोबारियों का 25 अप्रैल को दिल्ली बंद का आह्वान
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि अटारी बॉर्डर को तुरंत बंद किया जा रहा है। लेकिन जो लोग वैध कागज़ों के साथ पहले ही भारत आ चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 तक उसी रास्ते से लौटने की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद यह रास्ता पूरी तरह सील कर दिया जाएगा।
विदेश सचिव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में सफलतापूर्वक चुनाव कराए गए, और उसी के जवाब में यह आतंकी हमला हुआ है। उन्होंने दोहराया कि हमले के ज़िम्मेदारों को सज़ा दी जाएगी और जो लोग इसके पीछे हैं—चाहे वो जहां भी हों—उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। मिस्री ने साफ कहा, “जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह और भरोसे के साथ छोड़ने का ऐलान नहीं करता, तब तक सिंधु जल समझौता निलंबित रहेगा।”