मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब आ गए हैं और इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) समाज के सभी तबकों को प्रसन्न करने पर खास ध्यान दे रहे हैं।
चौहान ने हाल ही में जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर सरपंच और पंचायत सचिव तक स्थानीय सरकार के तमाम पदाधिकारियों के वेतन में तीन गुना तक का इजाफा किया। उनका यह कदम चुनावी फायदा पहुंचाने वाला हो सकता है क्योंकि प्रदेश विधानसभा की अधिकांश सीटें ग्रामीण इलाकों में आती हैं।
इससे पहले सरकार ने ग्रामीण रोजगार सहायकों का वेतन दोगुना करने की घोषणा की थी और यह घोषणा की थी कि प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
Also read: MP: 10 साल के लिए होगा इंडस्ट्री लाइसेंस रिन्यूअल
इस कड़ी की ताजा घोषणा में उन्होंने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा करके उसे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान बना दिया है। इससे प्रदेश के करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
राजनीतिक विश्लेषक साजी थॉमस कहते हैं, ‘पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक जनप्रतिनिधियों के अधिकार और बढ़ाए जाएंगे तथा पंचायती राज को और अधिक मजबूत किया जाएगा। भाजपा सरकार के इन कदमों को कांग्रेस को जवाब के रूप में देखा जाना चाहिए।’
Also read: MP: चुनावी साल में संविदा कर्मियों के लिए घोषणाओं की बौछार
थॉमस ने कहा कि राज्य सरकार वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रही है और इन घोषणाओं की बदौलत सरकार के राजकोष पर सैकड़ों करोड़ रुपये का सालाना बोझ पड़ने वाला है।
राज्य सरकार ने लाड़ली बहना योजना के मानकों में भी जुलाई से परिवर्तन किए हैं और अब 21 वर्ष की उन महिलाओं को भी इसका लाभ मिलेगा जिनके परिवारों के पास पांच एकड़ से कम जमीन और ट्रैक्टर है।