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Maratha reservation row: अदातल की चौखट पर पहुंचा मराठा आरक्षण

मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले के कारण मराठा आरक्षण रद्द हो गया था।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- October 15, 2023 | 7:17 PM IST

Maratha reservation row: मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल करने पर सहमति जताई है। इसे मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के राज्य सरकार के प्रयासों की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। दूसरी ओर से पेश वकील गुणरत्न सदावर्ते एक बार फिर इस मुद्दे में कूद पड़े हैं। सदावर्ते ने जरांगे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा है कि मराठाओं को आरक्षण नहीं मिल सकता है। सदावर्ते परिवार पिछली बार भी इस मुद्दे को अदालत में लेकर गए थे।

वकील मनिंदर सिंह ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की

राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने यह क्यूरेटिव पिटीशन दायर कर सुप्रीम कोर्ट से इस पर सुनवाई करने का अनुरोध किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने कहा कि हम यह याचिका दायर करने और इस पर सुनवाई करने के लिए तैयार हैं। इससे मराठा समाज को आरक्षण दिलाने की राज्य सरकार की कोशिशों को बल मिला है।

मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले के कारण मराठा आरक्षण रद्द हो गया था। पांच सदस्यों ने मराठा समाज के आरक्षण संबंधी मामले को सुनने के बाद अपने आदेश में मामले को रद्द करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि मराठा समाज को आरक्षण देना संभव नहीं है। उस फैसले पर पुनर्विचार हो इसलिए यह क्यूरेटिव याचिका दायर की गई है।

अब सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के लिए तैयार

राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में एसईबीसी अधिनियम के तहत मराठा समाज को आरक्षण दिया था। लेकिन मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था। उस समय राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज को शिक्षा और रोजगार में दिया गया आरक्षण इस फैसले के कारण रद्द हो गया था। मराठा समाज सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक रूप से पिछड़ा है, यह साबित न हो पाने के कारण कोर्ट ने इस आरक्षण को रद्द घोषित कर दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, तो मराठा समाज को आरक्षण दिलाने की राज्य सरकार की कोशिशों को बल मिल गया है।

सदावर्ते ने जरांगे की गिरफ्तारी की मांग की

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मनोज जरांगे पाटिल जहां हुंकार भर रहे हैं तो वहीं पेश से वकील गुणरत्न सदावर्ते एक बार फिर इस मुद्दे में कूद पड़े हैं। सदावर्ते ने जरांगे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा है कि मराठाओं को आरक्षण नहीं मिल सकता है। 2018 में राज्य सरकार ने जब मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक तौर पिछड़ा बातकर आरक्षण दिया था। तब गुणरत्न सदावर्ते ने ही आरक्षण के खिलाफ मोर्चा खोला था। बाद में जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था। मराठा आरक्षण के खिलाफ गुणरत्ना सदावर्ते की पत्नी जयश्री पाटिल ही अदालत गई थीं। जयश्री पाटिल भी पेश से वकील हैं।

महाराष्ट्र के मराठा आरक्षण की मांग के बीच एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते ने मनोज जरांगे पाटिल को गिरफ्तार करने की मांग की है। गुणरत्ना सदावर्ते ने कहा है कि मराठों को आराक्षण नहीं मिल सकता है। इसके बाद राज्य में राजनीति गरमा गई है। मराठा क्रांति मोर्चो के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने सदावर्ते की बयानबाजी को रोकने की मांग की है।

First Published : October 15, 2023 | 7:17 PM IST