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महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, फिलहाल इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। वहीं इससे पहले राजनीतिक दलों की तरफ से अपनी तैयारियां की जा रही है। राज्य की प्रमुख छह पार्टियों के दो गठबंधन के बीच विधानसभा का सीधा मुकाबला होना है। पार्टियों के बीच सीट बंटवारे के लिए खींचतान जारी है जिससे राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि दोनों गठबंधनों के नेता दावा कर रहे हैं कि सीट बंटवारा को अंतिम रूप जल्द ही दे दिया जाएगा।
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (एसपी) वाले महा विकास आघाडी (एमवीए) तीन दिन में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने का दावा कर रहा है लेकिन यह आसानी से होते दिखाई दे नहीं रहा है । शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) में सीट बंटवारे को लेकर देरी के लिए बुधवार को कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
राउत ने कहा कि कांग्रेस इन दिनों व्यस्त है लेकिन इसके बावजूद हमने उन्हें बुलाया है ताकि इसे (सीट बंटवारे पर बातचीत) समाप्त किया जा सके। वे बहुत व्यस्त हैं इसलिए तारीख पर तारीख दे रहे हैं। इसलिए हमने फैसला किया है कि अगले तीन दिन में हम साथ बैठेंगे। गठबंधन के घटक कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (एसपी) के नेता सीट बंटवारे पर बुधवार से शुक्रवार के बीच बातचीत करेंगे।
उन्होंने दावा किया कि मुंबई की सीट को लेकर बातचीत लगभग संपन्न हो चुकी है लेकिन हमें क्षेत्रवार चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र बड़ा राज्य है। इस बैठक में सीट बंटवारे में आ रही समस्याओं को दूर करने की कोशिश करेंगे।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में बस कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में राज्य के राजनीतिक दल नेताओं की तरफ अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं । राज्य भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सीटों के बंटवारे पर सत्तारूढ़ गठबंधन का फॉर्मूला लगभग 70-80 प्रतिशत विधानसभा क्षेत्रों पर अंतिम रूप दे दिया गया है, और यह समझौता उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से काफी पहले ही तय हो जाएगा। महायुति सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सीटों के बंटवारे के फार्मूले को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। महायुति (महागठबंधन) में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से जुड़े उद्योग मंत्री उदय सामंत कहते हैं कि महायुति के तीनों नेता महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। कुछ उम्मीदवारों की घोषणा बहुत देर से करने की गलती (जैसा कि राज्य में लोकसभा चुनावों के दौरान हुआ था) इस बार नहीं दोहराई जाएगी। हमने 75 प्रतिशत से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सीट-बंटवारे का फॉर्मूला पूरा कर लिया है।
कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल ने सीटों के बंटवारे पर महायुति की तरफ से व्यापक समझौते के बारे में कहा कि मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन हमने (एनसीपी) चुनाव लड़ने के लिए लगभग 80 सीटों की मांग की है।
गौरतलब है कि राज्य के मौजूदा विधानसभा में, भाजपा 103 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद शिवसेना 40, एनसीपी 41, कांग्रेस 40, शिवसेना (यूबीटी) 15, एनसीपी (एसपी) 13 और अन्य 29 हैं। हालांकि कुछ सीटें खाली हैं।