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Operation Akhal: J&K के कुलगाम में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद, 9 दिनों से चल रहा है ऑपरेशन

भारतीय सेना अखल जंगल में 9 दिन से आतंकियों से मुठभेड़ कर रही है, जिसमें दो जवान शहीद हो गए हैं। सेना इस ऑपरेशन में ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है।

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ऋषभ राज   
Last Updated- August 09, 2025 | 11:15 AM IST

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल जंगल में पिछले नौ दिनों से चल रही आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शुक्रवार-शनिवार की रात भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए। साथ ही दो जवानों के घायल होने की खबर है। सेना ने इस मुठभेड़ को हाल के वर्षों में घाटी में सबसे लंबे सैन्य अभियानों में से एक बताया है। इस ऑपरेशन में अब तक छह सैनिक घायल हो चुके हैं, जबकि पहले दिन एक आतंकी मारा गया था।

भारतीय सेना के चिनार कोर ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर शहीद सैनिकों लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह को श्रद्धांजलि दी। चिनार कोर ने लिखा, “हम अपने बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी। उनकी वीरता और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा। भारतीय सेना शहीदों के परिवारों के साथ पूरी तरह खड़ी है।”

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कठिन इलाका, सतर्कता से आगे बढ़ रहे जवान

न्यूज वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार रात जब सेना के जवान घने जंगल में आगे बढ़ रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर भारी गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में चार सैनिक घायल हो गए, जिनमें से दो की जान नहीं बच सकी। सूत्रों ने बताया कि अखल का जंगल बहुत घना है और इलाका काफी जटिल है, जिसके चलते जवान धीरे-धीरे और सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि यह ऑपरेशन इतना लंबा खिंच गया है।

सूत्रों के अनुसार, सेना को जानकारी मिली है कि इस इलाके में चार से पांच आतंकी छिपे हो सकते हैं। मुठभेड़ शुरू होने के पहले दिन आतंकियों के साथ गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक आतंकी मारा गया था। इसके बाद सेना ने इलाके में अतिरिक्त टुकड़ियां भेजीं और आतंकियों को घेरने के लिए ड्रोन, अनमैन्ड आर्म्ड व्हीकल्स (UAV) और हेलीकॉप्टरों की मदद ली।

अखल का जंगल दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों से जुड़ा हुआ है, जिसके चलते आतंकियों के भागने की आशंका को देखते हुए सेना ने अलग-अलग दिशाओं से जंगल को घेर लिया है। सेना का मकसद आतंकियों को किसी भी हाल में भागने से रोकना और उन्हें पूरी तरह घेरकर खत्म करना है। यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और सेना सतर्कता के साथ आगे बढ़ रही है।

First Published : August 9, 2025 | 10:06 AM IST