विश्व में हर साल 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महा सभा ने जुलाई 2012 में भूटान के प्रस्ताव पर सार्वभौमिक लक्ष्यों के रूप में खुशी और कल्याण की उपयोगिता को मान्यता देते हुए इस दिवस की शुरुआत की थी। इस अवसर पर विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2025 भी जारी की जाएगी। इस संदर्भ में यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि खुशहाली के मामले में वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति क्या है।
पिछले साल की खुशहाली रिपोर्ट में 143 देशों में भारत 126वें नंबर पर था और खुशहाली स्कोर 4.054 आंका गया था जो अन्य ब्रिक्स देशों की अपेक्षा काफी कम था। इस सूची में फिनलैंड 7.741 स्कोर के साथ शीर्ष पर रहा जबकि 6.725 स्कोर के साथ अमेरिका दूसरे नंबर पर आया।
चौंकाने वाली बात यह रही कि पिछले साल की सूची में 4.657 स्कोर के साथ पाकिस्तान 108वें स्थान पर था। नेपाल 93वें, म्यांमार 118वें स्थान पर रहा, जिनका स्कोर भी क्रमश: 5.158 और 4.354 दर्ज किया गया। हालांकि खुशहाली सूचकांक में अन्य पड़ोसी देशों में श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की स्थिति भारत के मुकाबले बहुत खराब दर्शायी गई थी। वर्ष 2023 के खुशहाली सूचकांक में भी भारत का स्थान 137 देशों में 126वां था।
किसी भी देश का खुशहाली स्कोर या व्यक्तिगत कल्याण पैमाना गैलप वर्ल्ड पोल (जीडब्ल्यूपी) में जीवन गुणवत्ता मूल्यांकन के प्रश्नों में राष्ट्रीय औसत प्रतिक्रिया पर आधारित होता है। इसमें उत्तरदाताओं से सीढ़ी की छवि के माध्यम से अपने वर्तमान जीवन का समग्र रूप से मूल्यांकन करने के लिए कहा जाता है, जिसमें उनके सर्वोत्तम संभव जीवन को 10 और सबसे खराब संभव जीवन को 0 के रूप में वर्णित किया जाता है। खुशहाली रैंकिंग लोगों के जीवन मूल्यांकन के तीन वर्षों के औसत पर तैयार की जाती है।