दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) के सर्वर पर हुए साइबर अटैक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। न्यूज एजेंसी ANI ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि एम्स के सर्वर पर हमला चीन से हुआ था।
एएनआई ने ट्वीट करते हुए MoHFW के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा, ‘एफआईआर के मुताबिक, हैकर्स ने 100 सर्वर (40 फिज़िकल और 60 वर्चुअल) में से पांच फिजिकल सर्वर को हैक कर लिया था। हालांकि अब इन सर्वर के डेटा को रिकवर कर लिया गया है।’
बता दें कि 23 नवंबर को एम्स के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ, जिसके कारण कई दिनों तक सर्वर ठप रहा। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने 25 नवंबर को एक्सटॉर्शन और साइबर अटैक को लेकर मामला दर्ज किया था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम, दिल्ली साइबर क्राइम स्पेशल सेल, इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर, इंटेलिजेंस ब्यूरो, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI), नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी, नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर और NIA, इस साइबर हमले की जांच कर रहे थे ।
बुधवार को लोकसभा में एम्स के सर्वर हैक का मुद्दा उठाते हुए तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस मामले की गहन तरीके से जांच होनी चाहिए ।
आगे उन्होंने कहा, “ये हमारे देश के खासतौर पर सरकारी संस्थाओं के कमजोर डेटा प्रोटेक्शन नियमों को दर्शाता है। पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 ने स्वास्थ्य डेटा सहित संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा की एक विशेष श्रेणी बनाई थी, जिसके लिए कड़े सुरक्षा उपायों की आवश्यकता थी, लेकिन दुर्भाग्य से सरकार द्वारा जारी नया मसौदा विधेयक के जरिए इसे हटा दिया गया है।”
उन्होंने आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस तरह के डेटा उल्लंघन दोबारा न हों यह सुनिश्चित करने के लिए, आवश्यक कार्रवाई करने पर जोर दिया।