सरकार ने गुरुवार को कहा कि प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) का इस्तेमाल खाद व कीटनाशकों के छिड़काव और संपत्ति के सर्वेक्षण के लिए ड्रोन उद्यमियों के रूप में किया जा सकता है। यह सहकारिता मंत्री अमित शाह और रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया के बीच हुई बैठक में लिए गए पांच प्रमुख फैसलों में से एक है। यह जानकारी सहकारिता मंत्रालय ने वक्तव्य में दी।
बैठक में यह निर्णय हुआ है कि अभी जो पीएसीएस खुदरा उर्वरक मुहैया कराने के तौर पर कार्य नहीं करवा रही हैं, उन्हें चिह्नित किया जाएगा। ऐसी पीएसीएस को चरणबद्ध तरीके से खुदरा के रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
अभी जो पीएसीएस प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना केंद्र (पीएमकेएसके) के रूप में कार्य नहीं कर रही हैं, उन्हें इसके दायरे में लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा पीएसीएस को जैविक उर्वरकों विशेष तौर पर फरमेंटिड जैविक खाद (एफओएम), तरल फरमेंटिड जैविक खाद (एलएफओएम), फॉस्फेट युक्त जैविक खाद (पीआरओएम) के विपणन से जोड़ा जाएगा।
बाजार विकास सहायता योजना के तहत उर्वरक कंपनियां छोटे जैविक आर्गेनिक उत्पादों के विपणन और अंतिम छोर तक इनकी पहुंच बनाने के लिए एग्रीगेटर के रूप में कार्य करेंगी। इस आपूर्ति और जैविक आर्गेनिक खाद की मार्केटिंग श्रृंखला में पीएसीएस थोक/खुदरा रूप में काम करेंगी।