Bharat Forecast System: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने छह किलोमीटर ग्रिड में मौसम का सटीक आकलन देने वाले विश्व के पहले आकलन मॉडल को आज जारी किया। यह विश्व में 12 किलोमीटर ग्रिड में मौसस के रुझान का आकलन करने वाले मॉडल से कहीं बेहतर है।
‘भारत फोरकास्ट सिस्टम’ नामक मॉडल गांव से लेकर पंचायत स्तर तक के मौसम का पूर्वानुमान लगा सकता है और इसके पूर्वानुमान लगाने का स्तर 64 प्रतिशत बेहतर हुआ है। मॉनसून के मौसम में अत्यधिक बारिश होना आम घटना है। हालांकि हालिया अनुमान लगाने की प्रणाली की तुलना में भारत फोरकास्ट सिस्टम 30 प्रतिशत अधिक सटीकता प्रदर्शित करता है। इसने चक्रवात के रास्ते का पूर्वानुमान लगाने में भी उल्लेखनीय सुधार किया है।
पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने इस मॉडल को विकसित किया है। भारत का मौसम विभाग अब वर्तमान प्रणालियों की जगह इस मॉडल का उपयोग छोटे इलाके के मौसम का आकलन अल्पावधि व दीर्घावधि के लिए करेगा। विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह नई विकसित प्रणाली भारत के मौसम विभाग के सुपुर्द की।
आईआईटीएम-पुणे के निदेशक डॉ. सूर्यचंद्र राव ने संबोधन में बताया कि पहले के मौसम पूर्वानुमान मॉडल किसी विशेष क्षेत्र पर सटीक मौसम की भविष्यवाणी करने में लगभग 12-14 घंटे का समय लेते थे, लेकिन केंद्र सरकार के ‘मिशन मौसम’ के हिस्से के रूप में उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणालियों में प्रगति होने से अब हमारे पास 4-6 घंटे में मौसम की सटीक भविष्यवाणी करने की क्षमता है।
भारत के मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि उनका विभाग मौसम का आकलन करने वाले स्वदेशी मॉडल का उपयोग करेगा। यह केंद्र सरकार के मौसम पूर्वानुमान सभी के लिए आसानी से उपलब्ध व उपयोगी होने के प्रयास के अनुकूल है। इस प्रणाली से लोगों को बेहद फायदा होगा और यह प्रणाली देश के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होने की उम्मीद है।