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Air India Plane Crash: विमान हादसे पर अटकलों से डगमगाया पायलटों का मनोबल, जांच में पारदर्शिता की मांग

एयर इंडिया विमान को उड़ाने वाले एक फर्स्ट ऑफिसर ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी होने के बाद विमानन कंपनी की ओर से इस घटनाक्रम पर कोई संवाद नहीं किया गया।

Published by
अजिंक्या कवाले   
आशीष आर्यन   
Last Updated- July 18, 2025 | 11:05 PM IST

एयर इंडिया की उड़ान 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसके कारणों के बारे में लगाई जा रहीं अटकलें अब अन्य पायलटों के हौसले को भी प्रभावित करने लगी हैं। भारत की वाणिज्यिक विमानन कंपनियों के पायलट और चालक दल के सदस्यों के मन में कई बातें चल रही हैं जिनमें 12 जून को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ सेकंड पहले कॉकपिट में कैप्टन और फर्स्ट ऑफिसर के बीच हुई बातचीत, वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर जिसमें बताया गया है कि किसने क्या कहा था और दोनों फ्यूल स्विच के बंद होने के कारणों के बारे में अटकलें शामिल हैं।

विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के महानिदेशक ने जोर देकर कहा है कि दुर्घटना के कारणों के बारे में विदेशी मीडिया में चल रही अटकलें ‘निराधार’ और ‘समयपूर्व’ हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड से बात करने वाले विमानन कंपनियों के कई अधिकारियों ने बताया कि मीडिया में चल रहीं इस तरही की खबरों ने उनके बीच उलझन बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें जारी किए जाने के बाद दिए गए स्पष्टीकरण से भी उन्हें राहत नहीं मिल पा रही है।

एयर इंडिया विमान को उड़ाने वाले एक फर्स्ट ऑफिसर ने कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी होने के बाद विमानन कंपनी की ओर से इस घटनाक्रम पर कोई संवाद नहीं किया गया।

एक पायलट ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘हम भी (जांच के बारे में) ताजा जानकारी हासिल करने के लिए मीडिया खबरों पर नजर रख रहे हैं। जहां तक काम का सवाल है तो चीजें धीरे-धीरे सामान्य होने लगी हैं, लेकिन यहां हर कोई यह जानना चाहता है कि वास्तव में हुआ क्या था।’

विभिन्न विमानन कंपनियों के पायलटों और चालक दल के सदस्यों ने बताया कि उन्हें एएआईबी में अ​धिक पारदर्शिता और प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। उन्हें लगता है कि इससे उन्हें मीडिया में जारी अटकलों के कारण होने वाले तनाव को कम करने और मनोबल को प्रभावित होने से बचाने में मदद मिलेगी।

एक पायलट ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘कुछ अनुभवी पायलटों को भी एएआईबी में शामिल होना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘इसके बिना हमें उन परिस्थितियों का अंदाजा नहीं हो पाएगा जिनके कारण यह हादसा हुआ। हमें पता नहीं चल पाएगा कि दुर्घटना से पहले खास कार्रवाई क्यों की गई या घटना की जांच के दौरान तकनीकी विवरण क्या थे। पायलट केवल यही मांग कर सकते हैं कि जांच एजेंसी में उनका भी प्रतिनिधित्व हो।’

पायलट ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में दुर्घटना के कारणों का विवरण नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि विमानन कंपनियों, मीडिया और जांच एजेंसियों सहित तमाम हितधारकों को पायलट समुदाय के साथ समय पर संवाद सुनिश्चित करना चाहिए ताकि उन्हें बेहतर जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा, ‘सभी हितधारकों को अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए ताकि पायलट होने के नाते हम इसके विस्तृत विवरण देख सकें।’ उन्होंने कहा, ‘प्रारंभिक रिपोर्ट से हमें इस बात की पर्याप्त जानकारी नहीं मिलती है कि वास्तव में दुर्घटना के क्या कारण हो सकते हैं। ऐसे में तमाम तरह की अटकलें और अफवाहें फैल रही हैं।’

कई पायलटों ने कहा कि ऐसी असाधारण परिस्थितियों में विमानन कंपनियों को पायलटों की सेहत बरकरार रखने और अटकलों से पैदा हुए तनाव के कारण दैनिक कामकाज में किसी भी तरह के व्यवधान को रोकने के लिए गंभीरतापूर्वक उपाय करने चाहिए। एक अन्य पायलट ने कहा, ‘पायलट के काम के लिए जबरदस्त शारीरिक एवं मानसिक क्षमताओं की आवश्यकता होती है। ऐसी परिस्थितियों में पायलटों का समग्र स्वास्थ्य किसी भी विमानन कंपनी के एजेंडे में सबसे ऊपर होना चाहिए।’

पायलटों और चालक दल के सदस्यों के भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपायों के बारे में जानकारी के लिए एयर इंडिया समूह, इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा एयर सहित सभी प्रमुख भारतीय विमानन कंपनियों को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

First Published : July 18, 2025 | 10:59 PM IST