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Delhi AQI Update: दिल्ली-एनसीआर की हवा हुई जहरीली, कई इलाकों में AQI 300 के पार

Delhi AQI Update: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शनिवार सुबह अक्षरधाम इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 230 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- October 18, 2025 | 11:53 AM IST

Delhi AQI Update: दिवाली नजदीक आते ही राजधानी दिल्ली में प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शनिवार सुबह अक्षरधाम इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 230 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और बरापुला ब्रिज के आसपास AQI 252 पहुंच गया है।

एनसीआर के शहरों में स्थिति और भी खराब है। गाजियाबाद में AQI 306 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है और यह देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। नोएडा में 278 और गुरुग्राम में 266 AQI दर्ज हुआ, जबकि फरीदाबाद में 105 रहा, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है।

दिल्ली के 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 5 स्थानों पर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पाई गई। आनंद विहार में सबसे अधिक AQI 382 रहा, वहीं वजीरपुर (351), जहांगीरपुरी (342), बवाना (315) और सीरी फोर्ट (309) में भी हवा खतरनाक स्तर पर रही।

CPCB के अनुसार, 14 अक्टूबर से दिल्ली की हवा लगातार खराब होती जा रही है।

AQI को 201-300 तक ‘खराब’ और 301-400 तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में माना जाता है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को बाहर निकलने से बचने और जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है।

मौसम विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.2 डिग्री कम था। सुबह 8:30 बजे आर्द्रता 74 फीसदी रही।

प्रदूषण सिर्फ सांसों को नहीं, दिल और दिमाग को भी नुकसान

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण से सिर्फ आंखों में जलन या सांस लेने में दिक्कत नहीं होती, बल्कि यह धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर बढ़ाता है और दिल व दिमाग पर भी बुरा असर डालता है।

पुल्मोनोलॉजिस्ट और वैज्ञानिक डॉ. अनुराग अग्रवाल के अनुसार, “इतने ज्यादा प्रदूषण स्तर पर लगभग हर व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट की दिक्कत है, उन्हें ख़ास तौर पर ज्यादा खतरा होता है।”

उन्होंने बताया कि लंबे समय तक ऐसे प्रदूषण में रहने से फेफड़े, दिल और दिमाग – तीनों पर असर पड़ता है। अस्थमा या COPD जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में सांस लेने की समस्या और बढ़ सकती है।

First Published : October 18, 2025 | 11:53 AM IST