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महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बिहार की राजनीति को लेकर भी कयास तेज हो गए हैं। इसे मुंबई में हुए सियासी नाटक का असर कह लें या कुछ और मगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायकों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की है।
नीतीश अपनी पार्टी के लोकसभा एवं राज्यसभा सदस्यों से भी मिलने की तैयारी कर रहे हैं। जदयू के नेताओं का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी एवं आगामी मॉनसून सत्र को लेकर पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए ये बैठकें हुई हैं।
हालांकि, भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश डरे हुए हैं क्योंकि राकांपा की तरह जदयू भी जल्ट टूटने वाली है। राष्ट्रीय लोक जनता दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि जदयू राजद में विलय के करीब पहुंच चुकी है।
कुशवाहा ने कहा कि जदयू के कई नेताओं ने उनसे और भाजपा से संपर्क साधा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार में 40 में 39 सीट पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने 17, जदयू ने 16 और लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीट पर जीत दर्ज की थी। 2022 में जदयू ने राज्य में भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ सरकार गठन कर लिया था।