भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने गुरुवार को कहा कि डिपॉजिटरी से सीधे मिलने वाला डेटा निवेशकों को इंटरमीडियरीज की धोखाधड़ी की पहचान करने और उन्हें रोकने में सशक्त बनाएगा। सेबी प्रमुख ने ये बातें नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के स्पीड-ई और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज के माईईजी के एकीकृत ऐप लॉन्च करते समय कहीं। इन ऐप का उद्देश्य निवेशकों को उनके डीमैट प्रतिभूतियों, होल्डिंग स्टेटमेंट और पोर्टफोलियो प्रबंधन की एकीकृत स्थिति मुहैया कराना है। इसके अलावा ये ऐप उपयोगकर्ताओं को विभिन्न एक्सचेंजों और ब्रोकरों के पास अपनी ओपन पोजीशन और मार्जिन पर नजर रखने में सक्षम बनाएंगे।
बुच ने उन धोखेबाजों को चेतावनी दी जो निवेशकों की तरफ से निवेश करने का दावा तो करते हैं, लेकिन इसके बजाय रकम की हेराफेरी कर लेते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नए एकीकृत ऐप निवेशकों को ऐसे दावों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में मदद करेंगे। बुच ने कहा कि एक नियामक के रूप में हमारे पास अक्सर ऐसे मामले आते हैं जहां निवेशकों के साथ बाजार में धोखाधड़ी की जाती है, जो उनके पैसों के निवेश का दावा करते हैं। हकीकत में तो इन फंडों की रकम में से सेंध लगाई जाती रहती है, जिससे निवेशकों को यह भ्रम होता है कि उनके पास लाखों या करोड़ों के पोर्टफोलियो हैं जबकि उनके नाम पर एक भी पाई का निवेश नहीं किया होता है।
सेबी प्रमुख ने बताया कि ये ऐप निवेश संबंधी सभी सूचनाओं को एकीकृत करके विरासत से मिले निवेश को भी सरल बनाएंगे जिससे संपत्तियों का हस्तांतरण आसान और पता लगाने योग्य हो जाएगा। इसके अलावा, डेटा तक सीधी पहुंच होने से निवेशक अपने पोर्टफोलियो आवंटन और निवेश निर्णय पर बेहतर तरीके से नियंत्रण कर सकेंगे।
बुच ने कहा कि हमारा मानना है कि यह निवेशकों के हाथ में मजबूत हथियार होगा क्योंकि उन्हें सही स्रोत से सीधे जानकारी मिलेगी।
बाजार नियामक की योजना है कि इन ऐप का उपयोग सूचीबद्ध कंपनियों के प्रस्तावों पर मतदान में निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए किया जाए। अभी अल्पांश और खुदरा निवेशकों का मतदान कम रहता है।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश वार्ष्णेय ने कहा कि इन ऐप की एक और विशेषता विभिन्न प्रस्तावों पर मतदान की क्षमता है। भविष्य में प्रॉक्सी सलाहकार सेवाओं को भी इनसे जोड़ा जाएगा जिससे कंपनियों के परिचालन से जुड़े प्रस्तावों को पारित करने की प्रक्रिया लोकतांत्रिक बनेगी। वार्ष्णेय ने कहा कि निवेशक कर उद्देश्य से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को त्रैमासिक आधार पर प्रस्तुत जानकारी को ट्रैक कर सकेंगे। विसंगतियों के मामले में निवेशक संशोधित विवरण के लिए डिपॉजिटरी से अनुरोध कर सकते हैं।