वित्त-बीमा

डिपॉजिट लेने वाले HFC के लिए सख्त किए गए नियम

31 मार्च 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों सहित कुल 25 NBFC हैं

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अभिजित लेले   
Last Updated- January 15, 2024 | 10:22 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने डिपॉजिट स्वीकार करने वाली हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों के लिए सार्वजनिक डिपॉजिट का 15 प्रतिशत नकदी बनाए रखने का प्रस्ताव किया है। यह मौजूदा 13 प्रतिशत के मानक से अधिक है। नियामक ने नकदी संपत्तियों को बढ़ाने का प्रस्ताव इस मकसद से किया है कि हाउसिंग फाइनैंस और गैर बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) के लिए मानक एक समान हो सकें।

सोमवार को जारी एक मसौदा अधिसूचना में रिजर्व बैंक ने कहा है कि डिपॉजिट स्वीकार करने वाली HFC को बढ़ी नकदी संपत्ति मानकों को पूरा करने के लिए मार्च 2025 तक का वक्त होगा। एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस, पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस और कैनफिन होम्स उन हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों में हैं, जो डिपॉजिट स्वीकार करती हैं।

31 मार्च 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों सहित कुल 25 NBFC हैं, जिन्हें जनता से धन डिपॉजिट कराने की अनुमति है। इस समय सार्वजनिक डिपॉजिट स्वीकार करने वाली HFC, डिपॉजिट स्वीकार करने वाली अन्य NBFC की तुलना में ज्यादा सुविधाजनक विवेकपूर्ण मानदंडों के अधीन हैं।

नियामकीय चिंता NBFC की सभी श्रेणियों में डिपॉजिट स्वीकार करने को लेकर है। रिजर्व बैंक ने HFC और NBFC के साथ एक कम्युनिकेशन में कहा कि ऐसे में फैसला किया गया है कि HFC की डिपॉजिट स्वीकार करने की नियामक व्यवस्था को अन्य डिपॉजिट स्वीकार करने वाली NBFC के लिए लागू मानकों के अनुरूप किया जाए।

रिजर्व बैंक ने डिपॉजिट के माध्यम से धन जुटाने के लीवरेज अनुपात को भी सख्त किया है। विवेकपूर्ण मानदंडों और न्यूनतम निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग को पूरा करने के हिसाब से HFC द्वारा रखी गई सार्वजनिक डिपॉजिट की मात्रा की सीमा, शुद्ध स्वामित्व वाली निधि के 3 गुना से घटाकर 1.5 गुना कर दी जाएगी। रिजर्व बैंक ने कहा है कि यह अंतिम सर्कुलर आने की तिथि से प्रभावी होगा।

First Published : January 15, 2024 | 10:22 PM IST