वित्त-बीमा

RBI के असुरक्षित उपभोक्ता कर्ज को लेकर नियम सख्त करने से कर्ज में बढ़ोतरी पर पड़ेगा असर: Fitch रिपोर्ट

Fitch Ratings ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि NBFC को बैंकों से मिलने वाले कर्ज पर जोखिम भार बढ़ने का प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है...।’’

Published by
भाषा   
Last Updated- November 23, 2023 | 8:08 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिये असुरक्षित माने जाने वाले व्यक्तिगत कर्ज से जुड़े नियमों को कड़ा किये जाने से ऋण वृद्धि पर असर पड़ेगा। इसका कारण बैंकों और एनबीएफसी को अब ऐसे कर्ज के एवज में अधिक पूंजी प्रावधान करने की जरूरत पड़ेगी।

साख निर्धारित करने वाली एजेंसी फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि इससे इस तरह के कर्ज की बढ़ती मांग भी कम होने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हाल के वर्षों में उपभोक्ता कर्ज तेजी से बढ़ा है। ऐसे में हमारा मानना है कि बैंक प्रणाली के स्तर पर उपभोक्ता कर्ज से उत्पन्न उभरते जोखिम को नियंत्रित करने के लिये इस मामले में सख्ती सकारात्मक प्रयास है।’’

फिच के अनुसार, बैंकों के असुरक्षित माने जाने वाले क्रेडिट कार्ड कर्ज और व्यक्तिगत ऋण में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सालाना आधार पर क्रमश: 29.9 प्रतिशत और 25.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि सभी कर्ज को मिलाकर कुल वृद्धि 20 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘असुरक्षित उपभोक्ता ऋण का बढ़ना अधिक जोखिम लेने का भी संकेत देता है। इसके कारण बैंक और एनबीएफआई सुरक्षित खुदरा कर्ज को लेकर कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच शुद्ध ब्याज मार्जिन भी बचाए रखना चाहते हैं।’’

फिच ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफआई) को बैंकों से मिलने वाले कर्ज पर जोखिम भार बढ़ने का प्रभाव महत्वपूर्ण हो सकता है…।’’

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का क्रेडिट कार्ड कर्ज कम है लेकिन वे एनबीएफआई को ऋण देने को उत्सुक दिखते हैं। दूसरी तरफ निजी क्षेत्र के बैंकों के लिये स्थिति इसके उलट है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर इस बदलाव से बैंक प्रणाली में ‘कॉमन’ इक्विटी शेयर पूंजी (टियर-1) अनुपात 0.60 से 0.70 प्रतिशत कम होने का अनुमान है। यह वह नियामकीय पूंजी है, जो नुकसान की स्थिति में उससे निपटने में सक्षम होती है।

First Published : November 23, 2023 | 8:08 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)