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अगले 2 साल तक चाहे जितना हो UPI ट्रांजैक्शन; PhonePe, GooglePay जैसे TPAP पर NPCI नहीं लगाएगा लगाम!

NPCI के UPI ट्रांजैक्शंस पर लगाम लगाने के इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा Google Pay और वालमार्ट के स्वामित्व वाले PhonePe को मिलेगा।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- May 10, 2024 | 12:47 AM IST

UPI Payments: भारत में हर महीने लाखों करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन UPI के जरिये होता है, जो कई पेमेंट एग्रीगेटर्स जैसे गूगल पे, फोन पे या पेटीएम प्लेटफॉर्म्स से जाता है। हाल ही में खबर आ रही थी कि रेगुलेटर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) इन सभी थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAP) पर ट्रांजैक्शन लिमिट को लेकर लगाम लगाएगा और कहेगा कि किसी भी प्लेटफॉर्म से देश में होने वाले कुल UPI ट्रांजैक्शन का 30 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता। मगर, आज रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि पेमेंट एग्रीगेटर्स पर अभी UPI पेमेंट्स में 30 फीसदी का मार्केट कैप नहीं लगाया जाएगा।

Google Pay और PhonePe को मिलेगी मदद

माना जा रहा है कि NPCI के इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा गूगल पे (Google Pay) और वालमार्ट के स्वामित्व वाले फोन पे (PhonePe) को मिलेगा। इसकी वजह जानने के लिए NPCI के आंकड़ों को देखना पड़ेगा।

NPCI के अप्रैल महीने के आंकड़ों के अनुसार, UPI पेमेंट में PhonePe की हिस्सेदारी अप्रैल 2020 में 37 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 48.3 फीसदी हो गई है, जबकि Google Pay की हिस्सेदारी 44 फीसदी थी, जो अभी घटकर 37.4 फीसदी हो गई है। जबकि पेटीएम की 8.4 फीसदी है। ऐसे में देखा जाए तो फोन पे और गूगल पे, दोनों ही फिनटेक दिग्गज 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखते हैं। NPCI के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि दोनों प्लेटफॉर्म्स से अप्रैल में कुल 11.5 अरब रुपये के ट्रांजैक्शन हुए।

दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि भारत फिर से एक लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सिस्टम के लिए बाजार हिस्सेदारी की सीमा (मार्केट कैप) तय करने में थोड़ा और वक्त लेगा, जिससे Google Pay और PhonePe को फायदा होगा क्योंकि अधिकारी मार्केट में कंसंट्रेशन पर नहीं, बल्कि ग्रोथ को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।

NPCI ने रखा था लिमिट लगाने का प्रस्ताव

बता दें कि NPCI ने 2020 में UPI ट्रांजैक्शन को लेकर थर्ड पार्टी ऐप्लिकेशन प्रोवाइडर (TPAP) पर 30 फीसदी मार्केट कैप लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन बाद में इसे 2 साल के लिए बढ़ा दिया। नवंबर 2022 में NPCI फिर से सीमा तय करने का प्रस्ताव किया था। NPCI ने UPI प्लेटफॉर्म्स के लिए अपनी बाजार हिस्सेदारी 30 फीसदी तक सीमित करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 तय की थी। रॉयटर्स को सूत्रों ने बताया कि NPCI का मार्केट कैप लगाने का यह फैसला डेडलाइन की तारीख के करीब ही आएगा।

बता दें कि भारत में क्रेड और ऐक्सिस बैंक ऐप भी UPI ट्रांजैक्शन की सुविधा प्रदान करते हैं। दोनों की बाजार हिस्सेदारी 1 फीसदी है।

क्यों NPCI लगाना चाह रहा UPI ट्रांजैक्शन पर कैप

NPCI का UPI ट्रांजैक्शंस पर कैप लगाने यह प्रस्ताव इसलिए है ताकि किसी भी TPAP को एकाधिकार मिलने से रोका जा सके। क्योंकि अगर एक बार एकाधिकार हासिल हो जाता है तो ये कंपनियां भारी रिटर्न के साथ अपने निवेश को वापस पाने के लिए अपनी सर्विसेज के बदले कुछ एक्स्ट्रा फीस लगा सकती हैं।

ऐसा 2016 में हुआ था, जब कई कंपनियों ने UPI पेमेंट पर एक्स्ट्रा चार्ज लगाने का काम किया था। लेकिन बाद में सरकार की तरफ से ऐसा करने से रोक लगा दी गई। हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि कई कंपनियां UPI में निवेश करने से परहेज कर रही हैं क्योंकि यह ट्रांजैक्शन सभी के लिए फ्री होता है और इसमें मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) नहीं लगाया जाता है।

First Published : May 9, 2024 | 7:14 PM IST