वित्त-बीमा

NBFC ने दिए 6 फीसदी ज्यादा कर्ज, त्योहारी मौसम में गोल्ड और पर्सनल लोन से हुआ इजाफा

औद्योगिक लॉबी समूह फाइनैंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल के बयान के अनुसार सितंबर 2023 में समाप्त दूसरी तिमाही की तुलना में कुल मंजूर ऋण चार फीसदी से अधिक कम हो गए थे।

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अभिजित लेले   
Last Updated- April 03, 2024 | 10:11 PM IST

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का स्वीकृत ऋण (loan sanctions) दिसंबर 23 में समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर छह फीसदी बढ़ गया। इसे त्योहारी मौसम में उपभोक्ता, स्वर्ण और व्यक्तिगत ऋण से बढ़ावा मिला है। हालांकि औद्योगिक लॉबी समूह फाइनैंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (एफआईडीसी) के बयान के अनुसार सितंबर 2023 में समाप्त दूसरी तिमाही की तुलना में कुल मंजूर ऋण चार फीसदी से अधिक कम हो गए थे।

वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में स्वीकृत उपभोक्ता ऋण सालाना आधार पर 30 फीसदी बढ़ गया। तीसरी तिमाही में कुल मंजूर उपभोक्ता ऋण बढ़कर 29,813 करोड़ रुपये हो गया जबकि वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में यह 22,950 करोड़ रुपये था। हालांकि वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में मंजूर ऋण 14 फीसदी बढ़े थे।

वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में स्वर्ण ऋण सालाना आधार पर 14 फीसदी बढ़े। इस खंड में वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में कुल मंजूर ऋण 44,743 करोड़ रुपये थे जबकि यह वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में 39,305 करोड़ रुपये थे। यह वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही की तुलना में आठ फीसदी से अधिक बढ़े।

वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में व्यक्तिगत ऋण खंड में मंजूर ऋण सालाना आधार पर 27 फीसदी बढ़े थे। इस खंड में वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में कुल मंजूर ऋण बढ़कर 67,722 करोड़ रुपये हो गए जबकि यह वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में 53,239 करोड़ रुपये थे। हालांकि एफआईडीसी के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही की तुलना में मंजूर ऋण एक फीसदी की वृद्धि के साथ सपाट थे।

आवास ऋण के खंड में वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में दो फीसदी की गिरावट नजर आई। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में आवास ऋण गिरकर 47,199 करोड़ रुपये हो गया जबकि वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में यह 48,122 करोड़ रुपये था। हालांकि वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में गिरावट कहीं अधिक 13 फीसदी थी।

एफआईडीसी के महानिदेशक महेश ठक्कर ने बताया कि वाणिज्यिक वाहनों और उपकरणों के लिए ऋण और संपत्ति पर ऋण के मामलों में तेजी उत्साहवर्धक थी। यह पूंजीगत व्यय के फिर से जोर पकड़ने का संकेत है।

वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में वाणिज्यिक वाहनों की श्रेणी में सालाना आधार पर मंजूर ऋण में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई जबकि इस खंड में वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में केवल एक फीसदी की वृद्धि हुई।

हालांकि सालाना आधार पर संपत्ति पर ऋण (एलएपी) 23 फीसदी बढ़ा जबकि यह वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में केवल छह फीसदी बढ़ा था। एफआईडीसी के अनुसार शहरों में मंजूर ऋण सालाना आधार पर 2 फीसदी बढ़ा जबकि यह ग्रामीण क्षेत्र में सालाना आधार पर 14 फीसदी बढ़ा था।

First Published : April 3, 2024 | 10:11 PM IST