मई 2024 के बीमा पॉलिसी बिक्री के आंकड़ों से बीमा क्षेत्र में मंदी से जुड़ी विश्लेषकों की चिंताएं दूर हो गई हैं। हालांकि अल्पावधि में समस्याएं (खासकर सरेंडर चार्जेज में किसी तरह के बदलाव की वजह से) बनी हुई हैं लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2025 पिछले साल से बेहतर साबित हो सकता है।
देवेन चोकसी रिसर्च में शोध विश्लेषक करण कामदार ने लिखा है, ‘वित्त वर्ष 2024 में भारतीय जीवन बीमा क्षेत्र की वृद्धि पिछले साल की तुलना में धीमी रही। हालांकि अनुमान है कि प्रौद्योगिकी में सुधार और बाजार पैठ बढ़नाने के प्रयासों से वित्त वर्ष 2025 में इस क्षेत्र की वृद्धि मजबूत बनी रहेगी।’
मई 2024 में, जीवन बीमा उद्योग का व्यक्तिगत एनुअल प्रीमियम इक्विलेंट (एपीई) एक साल पहले के मुकाबले 18.7 प्रतिशत तक बढ़कर 7,250 करोड़ रुपये रहा। जहां निजी क्षेत्र के लिए यह सालाना आधार पर 25.4 प्रतिशत तक बढ़ा, वहीं एलआईसी ने सालाना आधारपर 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
इसके विपरीत वित्त वर्ष 2024 जीवन बीमा कंपनियों के लिए नरमी के साथ शुरू हुआ था और एनुअल प्रीमियम इक्विलेंट में अप्रैल-मई 2023 में एक साल पहले की तुलना में महज 2 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया गया था।
अप्रैल-मई 2024 में उद्योग के कुल एनुअल प्रीमियम इक्विलेंट में सालाना आधार पर 23.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 3.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वित्त वर्ष 2024 में उद्योग ने कुल प्रीमियम के लिहाज से 4.1 प्रतिशत की धीमी वृद्धि दर्ज की जबकि वित्त वर्ष 2018 से 2023 के दौरान 5 साल की सालाना चक्रवृद्धि 11.4 प्रतिशत थी।
एसबीआई लाइफ की बात करें तो उसका का एनुअल प्रीमियम इक्विलेंट मई 2024 में एक साल पहले की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़ा जो मई 2023 में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत और अप्रैल 2024 में 20 प्रतिशत बढ़ा। इसमें वित्त वर्ष 2025 में अब तक सालाना आधार पर 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
एसबीआई लाइफ की बाजार भागीदारी पिछले महीने 80 आधार अंक बढ़कर 15.7 प्रतिशत हो गई। इस बीच, एचडीएफसी लाइफ के लिए पिछले महीने एनुअल प्रीमियम इक्विलेंट में सालाना आधार पर 23 प्रतिशत वृद्धि दर्जकी गई जबकि मई 2023 में यह 10 प्रतिशत और अप्रैल 2024 में 30 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2025 में इसकी साल में जनवरी से अब तक वृद्धि 26 प्रतिशत रही।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने मई 2024 में सालाना प्रीमियम में एक साल पहले के मुकाबले 57 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की क्योंकि उसे 4 प्रतिशत के न्यून आधार से मदद मिली। उसकी वृद्धि अप्रैल में सालाना आधार पर र्ज 72 प्रतिशत से नरम पड़ी है। वित्त वर्ष 2025 में जनवरी से अब तक उसके सालाना प्रीमियम में वृद्धि एक साल पहले के मुकाबले 63 प्रतिशत रही और बाजार भागीदारी मई 2024 में 183 आधार अंक बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो गई।
हालांकि सरकार के स्वामित्व वाली एलआईसी के लिए सालाना प्रीमियम पिछले महीने वार्षिक आधार पर महज 7.2 प्रतिशत बढ़ा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों ने निजी जीवन बीमा कंपनियों की मजबूत प्रीमियम वृद्धि के लिए नॉन-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी (एनओपी) की ऊंची बिक्री को जिम्मेदार बताया है, जिसमें सालाना आधार पर 17 प्रतिशत और दो वर्षीय आधार पर 11 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ।
जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान नए व्यवसाय की वैल्यू का मार्जिन 21.5 प्रतिशत से 28.3 प्रतिशत के दायरे में रहा। मार्जिन में एकीकृत गिरावट सालाना आधार पर 503 आधार अंक और तिमाही आधार पर 72 आधार अंक थी, जिसे नॉन-पार सेगमेंट से यूलिप तक की योजनाओं के मेल में बदलाव से बढ़ावा मिला।
जेएम फाइनैंशियल की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2024 में सभी निजी जीवन बीमा कंपनियों का मार्जिन प्रभावित हुआ। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एसबीआई लाइफ और एचडीएफसी लाइफ के मार्जिन में क्रम से 740 आधार अंक, 190 आधार अंक और 130 आधार अंक तक की कमी आई।’