ली कार्बुजिए के चंडीगढ़ में अब फ्लैट की है धूम

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:24 PM IST


देश के अन्य शहरों की तरह ही चंडीगढ़ में भी रियल एस्टेट सेक्टर को विकास के पंख लग गए हैं।


रियल एस्टेट इंडस्ट्री के बड़े खिलाड़ी चंडीगढ़ और उसके आसपास के इलाकों में पांव पसारने की योजना बना रहे हैं। हालांकि बीते कुछ दिनों में चंडीगढ़ के रियल एस्टेट सेक्टर में कीमतों ने आसमान छुआ है।सुभाष मंगत प्रॉपर्टी कंसल्टेंट के मंगत राय ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी बड़ी कंपनियां तेजी से उभरते इस शहर की ओर आकर्षित हो रही हैं।

इन्फोसिस, विप्रो, कंवर्जिस आदि दिग्गज कंपनियां शहर में आईटी सिटी बनाने की योजना बना रही हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आईटी कंपनियों के आने से रिहायशी अपार्टमेंटों की मांग बढ़ जाएगी। उन्हीं मांगों को पूरा करने और रुपये बटोरने के लिए रियल एस्टेट कंपनियां अपार्टमेंट मुहैया कराने की तैयारी में जुट गई है।चंडीगढ़ देश के  सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में है।

यहां कारोबारियों के विकास के लिए बेहतर अवसर भी उपलब्ध हैं। क्योंकि यहां दिनों-दिन आने वाले व्यवसायियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, इससे निस्संदेह आवास की मांग भी बढ़ेगी।हालांकि इन सब के बीच इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि चंडीगढ़ में रियल एस्टेट की कीमतों में जबर्दस्त आग लगी हुई है।

चंडीगढ़ में 5 मरला प्लाट के लिए आपको 70 से 80 लाख रुपये चुकाने पड़ सकते हैं जबकि 7 मरला प्लाट की कीमत 90 लाख से 1 करोड़ 20 लाख रुपये तक हो सकती है। इसके अलावा एक कनाल की कीमत तकरीबन 2.5 करोड़ रुपये से 4 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है।गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में प्रॉपर्टी कीमतों में आसमान छूने का मुख्य कारण आवासों की मांग में इजाफा होना है।

और यही वजह है कि रियल एस्टेट में इन प्लाटों की कीमतें सातवें आसमान पर है।हालांकि मुद्रास्फीति की दरों में बढ़ोतरी और देश में आर्थिक मंदी के भय की वजह से रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए खतरे के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन रियल एस्टेट कंपनियां इसे बहुत गंभीरता से नहीं ले रही हैं। बहरहाल इसे लेकर कंपनियों के अलग-अलग मत हैं। कुछ कंपनियों का मानना है कि आर्थिक मंदी का रियल एस्टेट कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा जबकि कुछ कंपनियों ने बताया कि बीते कुछ महीनों में बिक्री में कमी आई है।

लेकिन वे यह भी कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में फिर से बिक्री बढ़ेगी।एपी श्रेष्ठ के मार्के टिंग मैनेजर पवन खरे ने बताया कि देश में आई मंदी की वजह से रियल एस्टेट कंपनियों के निवेश मूल्यों में कमी आई है लेकिन इन प्रभावों के मद्देनजर फिलहाल कंपनी द्वारा कीमतों में कोई कटौती नहीं होने वाली है। हालांकि अगर अगले पांच से छह महीनों में भी मंदी स्थिति बनी रही तो रियल एस्टेट कंपनियों को 2 से 3 फीसदी तक कीमतों में संशोधन करने को मजबूर होना पड़ सकता है। लेकिन इस वक्त कंपनी की ऐसी कोई योजना नहीं है।

First Published : April 14, 2008 | 10:54 PM IST