आप हमेशा के लिए इन शेयरों को अपने पास नहीं रख सकते, इसलिए मंदी के दौर में तीन से चार साल को ध्यान में रखते हुए अधिक शेयरों को खरीदना हो सकता है फायदेमंद
हाल में मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा, ‘दुनिया में कोई भी व्यक्ति बाजार में ऐसे शेयरों को कैसे खोज पाता है जिनमें तीन से चार गुना इजाफा हो सकता हैं।’
इस सवाल का जाहिर है, आसान जवाब भी है और एक मुश्किल जवाब भी।यह मान लिया जाए कि एक निवेशक तीन साल की ठीक-ठाक अवधि के लिए इंतजार करने को तैयार है तो ऐसे में कई ऐसे शेयर हैं जो मौजूदा स्तर से तीन से चार गुना बढ़ सकते हैं। इनमें ऐसे शेयर भी शामिल होंगे जो मौजूदा समय में अनजाने हैं और जिनके बारे में अनुमान लगाना अभी एकदम मुश्किल है।
हर बाजार चक्र के कुछ अग्रणी शेयर होते हैं जो उम्मीद के परे प्रदर्शन करके दिखाते हैं। ऐसे शेयरों की पहचान कर पाना काफी मुश्किल और जोखिम भरा काम है। यहां तक कि किसी ऐसे नए शेयर जो भविष्य में विजेता हो सकता है उसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।
ऐसे कुछ नए बाजार अग्रणी 6 गुना से 10 गुना तक रिटर्न दे सकते हैं। उदाहरण के लिए 1999 में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के शेयर और 2006-07 में रियल एस्टेट और ब्रोकरेज कंपिनयों के शेयर।
इस तरह के दूसरे संभावित शेयरों को ढूंढ़ना काफी आसान है। ये ऐसे चक्रीय कारोबारों वाले शेयर हैं, जिनकी बुनियाद काफी मजबूत है और उनकी कीमत शेयर बाजार में काफी लुढ़की है। ऐसे शेयरों को तलाशें जिनकी कीमतें काफी घटी हैं और लंबी अवधि में उनमें मुनाफा कमाने की संभावनाएं बनी हुई हैं।
उदाहरण के लिए पूरे ऑटो और इंजीनियरिंग-निर्माण उद्योग में बिकवाली काफी बड़े स्तर पर हो रही है। यह भी माना जा रहा है कि टाटा मोटर्स, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर, एलऐंडटी, भारत फोर्ज आदि की कीमतें अगले दो से तीन साल के भीतर तीन गुना हो जाएंगी, क्योंकि इन कंपनियों के अपने मुख्य कारोबार से बाहर होने की कोई संभावना नहीं है।
इस तरह का उछाल जिंस कारोबारों जैसे कि सीमेंट कंपनियों और इस्पात निर्माताओं में भी देखने को मिलने की उम्मीद है। यहां तक कि शिपयार्ड और शिपिंग लाइंस की कंपनियां भी इसमें शामिल हो सकती हैं। बीएचईएल, एबीबी और सुजलॉन जैसी इंजीनियरिंग उपकरण निर्माता कंपनियों के भी उछाल की इस दौड़ में शामिल होने की पूरी-पूरी संभावनाएं बनी हुई हैं।
बेशक ये आकर्षित करने वाले कारोबार नहीं हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर कंपनियां पहले ही यह सिध्द कर चुकी हैं कि उनमें बुरे दौर में भी बाजार का सामना करने का दम है। चक्र के सबसे बुरे दौर में हो सकता है कि ये कंपनियां नुकसान दर्ज करना शुरू कर दें।
हालांकि एक बार जब कारोबारी चक्र नकारात्मक रवैये से सकारात्मक रवैया अपनाएगा तब यह काफी आम होगा कि ये उद्योग दो-तीन गुना मुनाफा कमा पाएं। ऐसे में कीमतें भी चौका देने वाले तरीके से बढ़ती हैं।
अगर आप चक्र में सही समय में निवेश कर पाएं तो इस बात की संभावनाएं हैं व्यवहार में इसे आमतौर पर इसका मतलब अधिक खरीद से। इसके अलावा एक अहम कारक यह भी है कि जब कीमतें बहुत अधिक हों उसके आस-पास ही बेचने की कोशिश करनी चाहिए।
चक्रीय शेयर हमेशा के लिए अपने पास रखने के लिहाज से अच्छे शेयर नहीं होते।इस समय बाजार में सबसे अधिक मात खा चुका कारोबार रियल एस्टेट और ब्रोकरेज कंपनियां हैं और इन दोनों ही उद्योगों की प्रकृति चक्रीय है। 2006-07 के तेजी के बाजार के आखिरी चरण में ये दो क्षेत्र बाजार अग्रणियों में शामिल थे।
ऐसे भी लगभग यह भी तय माना जा रहा है कि ये दोनों उद्योग अब शायद वैसी बहार न देख पाएं जैसे कि 2006-07 के दौरान थी। तेजी के दौर में जब निवेशक इन शेयरों में लगातार निवेश कर रहे थे, तब इनका पीई गुणक काफी अधिक रहा और जबकि ये अपने मौजूदा स्तर से उबर पाएंगे, इसलिए ये माना जा रहा है कि अगले तेजी के बाजार में इनकी कीमतें अधिक तर्कसंगत होंगी।
इन दोनों उद्योगों में आगे आने वाले लंबे समय में विकास और मुनाफे के बहुत अधिक बढ़ पाने की भी कोई संभावना नजर नहीं आ रही। हालांकि इनमें से कुछ शेयर तेजी के दौर में अपनी सबसे ऊंची कीमत के मुकाबले 90 प्रतिशत गिर चुके हैं, उनमें अभी आगे और गिरावट हो सकती है और यह भी हो सकता है कि उनमें कुछ अधिक उछाल न हों।
चक्रीय शेयरों को मंदी के दौर में खरीदना तर्कसंगत तो है, लेकिन इसमें जोखिम अधिक है। एफएमसीजी, फार्मा या अन्य सदाबहार क्षेत्रों के विपरीत चक्रीय शेयर मंदी में लाभांश देने में हो सकता है कामयाब न हों। इसलिए लाभांश जैसी सुरक्षा भी निवेशकों को इसमें नहीं मिल पा रही होगी।
आपका निवेश तो यहां बना हुआ है, यहां आपको पूंजी नुकसान हो सकता है और आपको तब तक खरीद बनाए रखनी की जरूरत है, जब तक कि यह चक्र तेजी के दौर में नहीं पहुंच जाता।
अगर आपके पास संबंधित उद्योग की विशेष जानकारी है तो आपको भी चक्रीय शेयरों में सही समय में निवेश करने में मदद मिलेगी।
उदाहरण के लिए एक ऑटो उद्योग से जुड़ा कर्मी ऑटो और उससे जुड़े उद्योग में निवेश के सही वक्त को बेहतर तरीके से समझ सकता है। बिल्कुल ऐसा ही समुद्र से जुड़े कारोबार में लगे व्यक्ति के साथ है, जो यिरनिंग कंपनियों, शिपयार्ड और उससे जुड़े कारोबार की बारीकियों को अच्छे से समझ सकता है। आखिर वह व्यक्ति उद्योग में चल रही छोटी-बड़ी उठा-पटक से बखूबी वाकिफ होता है।
लेकिन विशेष जानकारी होना बेहद जरूरी नहीं है। इतना जानना भी बहुत होगा कि चक्रीय शेयर जो तेजी में बाजार अग्रणी रह चुका है बुरे दौर से गुजर रहा है और उसके बार बुरे दौर से उबरने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। अहम सवाल तो यह है कि क्या आपके पास उतना धैर्य और मोटी जेब है?