आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2022 है, जिसमें अब तीन हफ्ते से भी कम वक्त बचा है। इसलिए करदाताओं को अब कर छूट से जुड़े दस्तावेज इकट्ठे करना और कर तथा रिटर्न भरने के नियमों से वाकिफ होना शुरू कर देना चाहिए। बुजुर्ग करदाता या वरिष्ठ नागरिकों को इस मामले में जल्दी करनी चाहिए क्योंकि उनके लिए कर से जुड़े नियम बिल्कुल अलग होते हैं।
आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, ’60 साल या उससे अधिक उम्र के निवासी व्यक्ति को आयकर के लिहाज से वरिष्ठ नागरिक माना जाएगा बशर्ते पिछले वित्त वर्ष के दौरान उसकी उम्र 80 साल नहीं हुई हो। 80 साल या उससे अधिक उम्र के निवासी व्यक्ति को अत्यंत वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में रखा जाता है।’
सही फॉर्म चुनिए
वरिष्ठ नागरिक अपने रिटर्न दाखिल करने के लिए आईटीआर-1 से आईटीआर-4 तक इस्तेमाल कर सकते हैं। कौन सा फॉर्म लेना है, यह उन्हें होने वाली आय पर निर्भर करेगा। वेद जैन ऐंड असोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन कहते हैं, ‘जैसे रही फॉर्म में जन्मतिथि भरी जाती है वह खुद ही करदाता की उम्र निकाल लेता है और उसी के मुताबिक सही कर स्लैब चुनकर उस व्यक्ति की कर देनदारी तय कर देता है।’
टैक्समैनेजर डॉट इन के मुख्य कार्य अधिकारी दीपक जैन बताते हैं कि वरिष्ठ और अत्यंत वरिष्ठ नागरिकों को कुछ अन्य फॉर्म भी भरने पड़ सकते हैं मसलन फॉर्म 12बीबीए और फॉर्म 15एच। फॉर्म 15एच उन्हें स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से बचा सकता है।
किसे नहीं भरना रिटर्न
यदि वरिष्ठ नागरिक का कर धारा 194पी के तहत काटा गया है तो उसे रिटर्न भरने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन यह रियायत हासिल करने के लिए उसे कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।
आईपी पसरीचा ऐंड कंपनी में पार्टनर मणीत पाल सिंह शर्तें समझाते हुए कहते हैं, ‘अत्यंत वरिष्ठ नागरिक की उम्र 75 साल या ज्यादा होनी चाहिए, पिछले वित्त वर्ष में उसे भारत का निवासी होना चाहिए और उसकी आय पेंशन एवं ब्याज से ही होनी चाहिए। इतना ही नहीं, ब्याज आय भी उसी बैंक से होनी चाहिए, जिसमें उसकी पेंशन आती है।’
जो वरिष्ठ नागरिक ये शर्तें पूरी करते हैं, उन्हें 194पी का फायदा उठाने के लिए निर्धारित बैंक में फॉर्म 12बीबीए भरना होगा। यह फॉर्म भरने के लिए कोई मियाद तय नहीं की गई है मगर असुविधा से बचने के लिए इसे वित्त वर्ष की शुरुआत में ही हाथ से भरकर बैंक में जमा कर दिया जाना चाहिए।
जैन बताते हैं, ‘केंद्रीय बैंक उन बैंकों की फेहरिस्त देता है, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर कटौती और रिबेट का काम संभालते हैं।’
टैक्मैन में उप प्रबंधक नवीन वाधवा का कहना है, ‘सभी शर्तें पूरी करने वाले वरिष्ठ नागरिक धारा 194पी चुनकर उस जुर्माने से बच सकते हैं, जो आखिरी तारीख तक रिटर्न दाखिल नहीं करने पर लगता है।’
कर से छूट हासिल करें
वरिष्ठ नागरिक भी कर बचाने के लिए किए गए निवेश पर कर छूट का दावा कर सकते हैं। पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स में असोसिएट पार्टनर सुविज्ञा अवस्थी बताती हैं, ‘यदि वरिष्ठ नागरिक ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और दूसरी कर बचाने वाली योजनाओं में निवेश किया है तो उसे धारा 80सी के तहत छूट मिल सकती है। स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम और ऐहतियातन कराई गई स्वास्थ्य जांच पर हुए खर्च का भी 80सी के तहत कर छूट के लिए दावा किया जा सकता है।’ वरिष्ठ नागरिक अधिकतम 50,000 रुपये तक के प्रीमियम पर कर छूट हासिल कर सकते हैं।
धारा 80डीडीबी इलाज पर हुए खर्च से जुड़ी है। यदि किसी वरिष्ठ नागरिक के इलाज पर रकम खर्च की गई है तो व्यक्ति 1 लाख रुपये तक के खर्च पर कर छूट का दावा कर सकता है। सुविज्ञा कहती हैं, ‘यह कटौती या छूट सभी वरिष्ठ नागरिकों और अत्यंत वरिष्ठ नागरिकों को मिलती है।’
वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर भी अधिक कर छूट मिलती है। सुराणा बताते हैं, ‘ निवासी वरिष्ठ नागरिक को बैंक खाते में जमा रकम से हुई ब्याज आय पर धारा 80टीटीबी के तहत कर छूट का फायदा मिलता है। अधिकतम 50,000 रुपये की आय पर कर छूट का दावा किया जा सकता है।’
रिबेट का दावा न भूलें
जिन निवासियों (वरिष्ठ नागरिकों समेत) की कुल आय पिछले वित्त वर्ष के दौरान 5 लाख रुपये से अधिक नहीं रही है, वे धारा 87ए के तहत 12,500 रुपये तक के रिबेट यानी कर वापसी का दावा कर सकते हैं। मगर वाधवा समझाते हैं, ‘निवासी अत्यंत वरिष्ठ नागरिकों को यह रिबेट नहीं मिलता क्योंकि उनसे 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं वसूला जाता।’
अंत में जिन वरिष्ठ नागरिकों को व्यापार या व्यवसाय या पेशे से कोई आय नहीं होती उन्हें अग्रिम कर भी नहीं भरना पड़ता। जैन कहते हैं, ‘मगर यह छूट कर रिटर्न दाखिल करने तक ही मिलती है ताकि वे कर रिटर्न समय पर दाखिल करें और ब्याज अथवा जुर्माने से बचें।’