HDFC बैंक के प्रमुख शशिधर जगदीशन ने शुक्रवार को कहा कि HDFC लि. के बैंक में सफल विलय के साथ अब फंडिंग एक जोखिम है। इसके अलावा शुद्ध ब्याज मार्जिन भी प्रभावित हो सकता है। एक जुलाई से विलय के प्रभाव में आने के बाद इसकी पहली वार्षिक आम बैठक में जगदीशन ने देश के सबसे बड़े बैंक के शेयरधारकों से कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, विलय का जोखिम इसका फंडिंग हिस्सा है।’
हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि बैंक फंडिंग चुनौती से निकलने में सक्षम होगा। निदेशक मंडल, नेतृत्व और कर्मचारी इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि उन्हें क्या करना है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक जगदीशन ने कहा कि विलय की जो अहमियत है, वह इससे मिलने वाले लाभों से समझ में आता है।
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कर्मचारी फंडिंग चुनौती से निपटने के लिये ‘उत्साहित’ हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि समय ही बताएगा। लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि पिछले 10 साल में हम जिस तरह से आगे बढ़े हैं, ऐसा कोई कोई कारण नहीं है कि हम चुनौतियों से पार नहीं पा सकेंगे…।’
जगदीशन ने कहा कि बैंक ने बॉन्ड जारी कर 50,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिये शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है। उन्होंने कहा कि HDFC के साथ विलय से बैंक के शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) पर असर पड़ने की आशंका है क्योंकि इसमें कम ब्याज वाले आवास ऋण का अनुपात अधिक है। यह सितंबर तिमाही के नतीजों से दिखाई देगा।
जगदीशन ने कहा कि हालांकि आवास ऋण बेहतर पुनर्भुगतान अनुपात के मामले में भी लाभ प्रदान करते हैं। इससे ऐसे कर्जों पर लागत कम हो जाती है।