Representative image
पेमेंट्स बैंकों ने केंद्र सरकार से एक खाते में अधिकतम डिपॉजिट सीमा को ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करने की मांग की है। यह मांग हाल ही में दिल्ली में वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के सचिव एम. नागराजू की अध्यक्षता में हुई बैठक में की गई। बैठक में शामिल एक सूत्र के मुताबिक, बैंकों ने सरकार के सामने यह सुझाव रखा।
गौरतलब है कि अप्रैल 2021 में आखिरी बार यह सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख की गई थी। इसके अलावा, पेमेंट्स बैंकों ने सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि उन्हें माइक्रोफाइनेंस सेक्टर को लोन देने की अनुमति दी जाए। हालांकि, बैंकों ने लोन की अधिकतम सीमा तय करने की बात भी कही है ताकि उनकी आय के स्रोतों में विविधता लाई जा सके।
अगर मंजूरी मिलती है तो यह मौजूदा लाइसेंसिंग सिस्टम से हटकर एक बड़ा कदम होगा, जिसमें पेमेंट्स बैंकों को सिर्फ सरकारी सिक्योरिटीज़ में निवेश करने की अनुमति है। सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में हुई एक बैठक में पेमेंट्स बैंकों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की गई और सरकार ने उनसे वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को लेकर आगे की रणनीति यानी रोडमैप मांगा है।
इस बैठक में स्मॉल फाइनेंस बैंकों (SFBs) के लाइसेंस पर भी चर्चा हुई। मौजूदा गाइडलाइंस के तहत, पेमेंट्स बैंक कम से कम पांच साल का ऑपरेशन पूरा करने के बाद और अन्य शर्तें पूरी करने पर एसएफबी में बदलने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए एक अहम शर्त यह है कि बैंक की पेड-अप वोटिंग इक्विटी कैपिटल या नेट वर्थ कम से कम ₹200 करोड़ होनी चाहिए।
पिछले साल फिनो पेमेंट्स बैंक ने स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस पाने के लिए आवेदन किया था। इस अहम बैठक में जियो पेमेंट्स बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक, फिनो पेमेंट्स बैंक, एनएसडीएल पेमेंट्स बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रतिनिधियों के साथ रिजर्व बैंक के अधिकारी भी शामिल हुए।
वित्तीय सेवा सचिव ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की सेवाओं की तारीफ करते हुए कहा है कि उसने आर्थिक समावेशन और घर-घर बैंकिंग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने अन्य संस्थानों से भी अपील की है कि वे इस दिशा में और तेजी से काम करें।
सरकारी स्वामित्व वाले इस पेमेंट्स बैंक के देशभर में 650 शाखाएं और 1.63 लाख से ज्यादा एक्सेस प्वाइंट हैं। IPPB ग्राहकों को बचत और चालू खाता, वर्चुअल डेबिट कार्ड, घरेलू मनी ट्रांसफर, बिल और यूटिलिटी पेमेंट, बीमा सेवाएं और 5 साल तक के बच्चों के लिए एनरोलमेंट सर्विस जैसी सुविधाएं देता है।
2015 के अगस्त महीने में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 11 पेमेंट्स बैंक को लाइसेंस दिए थे। लेकिन इनमें से पांच ने काम शुरू करने से पहले ही अपना लाइसेंस वापस कर दिया। अब सिर्फ छह पेमेंट्स बैंक ही काम कर रहे हैं — एयरटेल पेमेंट्स बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, फिनो पेमेंट्स बैंक, एनएसडीएल पेमेंट्स बैंक और जिओ पेमेंट्स बैंक।
हाल ही में RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को बड़ा झटका दिया है। केंद्रीय बैंक ने उसे नए ग्राहक जोड़ने और डिपॉजिट लेने से रोक दिया है। इसका मतलब है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सेवाएं अब लगभग बंद हो चुकी हैं।