भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा असुरक्षित व्यक्तिगत ऋणों के संबंध में जोखिम भार बढ़ाए जाने के करीब एक साल बाद फिनटेक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां ऋणदाताओं के साथ साझेदारी में रेहन पर दिए गए ऋण शामिल करने के लिए अपनी योजनाओं के दायरे का विस्तार कर रही हैं।
यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है, क्योंकि कंपनियां अपने पोर्टफोलियो और साझेदारी में विविधता लाने पर विचार कर रही हैं, ताकि कंपनी के राजस्व में वृद्धि के लिए और ज्यादा मॉडल शामिल किए जा सकें और साथ ही चूक से होने वाले जोखिम को कम किया जा सके।
उदाहरण के लिए फिनटेक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फोनपे इस क्षेत्र की उन पहली कंपनियों में से एक थी, जिसने विभिन्न श्रेणियों में सुरक्षित योजनाओं का समूह पेश किया। मई में बेंगलूरु की इस कंपनी ने अपनी ऋण वितरण पेशकशों के तहत म्युचुअल फंड ऋण, गोल्ड ऋण, बाइक और कार ऋण, संपत्ति के ऐवज में ऋण (एलएपी) और शिक्षा ऋण को शामिल किया।
अक्टूबर की शुरुआत में गूगल पे ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए स्वर्ण ऋण की शुरुआत की और अगस्त में भारतपे ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ साझेदारी में म्युचुअल फंड के ऐवज में ऋण और दोपहिया वाहन ऋण की शुरुआत की थी।
फोनपे लेंडिंग के मुख्य कार्य अधिकारी (CEO) हेमंत गाला ने कहा, ‘सुरक्षित ऋण बड़ा बाजार है और हालांकि कुछ साल पहले यह इस श्रेणी की प्रकृति और जटिलताओं की वजह से डिजिटल तौर पर सक्षम नहीं था, लेकिन यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सामान्य तौर पर हर कोई इसके साथ मॉडल बनाने की कोशिश करना चाहता है।’
इस बीच कंपनियां सुरक्षित ऋण के रास्ते तलाश रही हैं क्योंकि असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण की श्रेणी में वृद्धि में हल्कापन अनुभव हो रहा है।
फिनटेक कंपनियों के बीच ऋण वितरण की मात्रा और मूल्य में तिमाही आधार पर मामूली रूप से कमी आई है। फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (फेस) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है, जो फिनटेक का स्व-नियामक संगठन (एसओरओ-एफटी) है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में वितरण की मात्रा में 0.75 प्रतिशत घटकर 2.64 करोड़ रह गई, जबकि वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में वितरण की मात्रा 2.66 करोड थी।
हालांकि इसके बावजूद कंपनियां बड़े बाजार और ग्राहक हासिल करने के लिए फिनटेक के साथ साझेदारी करने के वास्ते ऋणदाताओं की इच्छा के कारण सुरक्षित ऋणों के संबंध में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ पिछली बातचीत में गूगल पे के उत्पाद प्रबंधन के निदेशक शरत बुलुसु ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि ऐसे उपयोगकर्ता होंगे, जो उधार लेने की कम लागत के कारण सुरक्षित ऋण चाहेंगे। दूसरा, ऐसे उपयोगकर्ता हैं जो शायद कभी ऋण न लें और उन्हें अंडरराइट करने का कोई तरीका नहीं है।’ उन्होंने कहा कि इस तरह उपयोगकर्ता औपचारिक ऋण के दायरे में आ सकते हैं।