कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से शुरू होगी। सूत्रों के मुताबिक दो दिवसीय बैठक में ब्याज दर के बारे में फैसला लिया जा सकता है। इससे ईपीएफओ के सात करोड़ सक्रिय सदस्यों को अपनी ईपीएफ बचत पर ब्याज दर को जानने का इंतजार खत्म होगा।
31 मार्च, 2022 तक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का कुल निवेश 11 लाख करोड़ रुपये था। इस घटनाक्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘ईपीएफओ के निवेश अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन ऐसी उम्मीद नहीं है कि इसके निवेश के प्रतिफल में तेजी से इजाफा हो। इसलिए ब्याज दर के बारे में संभावना यह है कि यह बीते वित्त वर्ष की दर के करीब रहेगी।’’हालांकि केंद्रीय न्यासी बोर्ड में सदस्य के रूप में शामिल कई यूनियन सदस्यों ने कहा कि हालिया वित्त वर्ष में केंद्रीय बैंक के निर्धारित दायरे से अधिक मुद्रास्फीति रही।
उन्होंने कहा, ‘‘यूएस फेड के कारण नीति सख्त हुई। लिहाजा सदस्यों को उनकी जमा राशि पर औचित्यपूर्ण फायदा मुहैया करवाने के लिए ब्याज दर को 8 फीसदी से ऊपर रखना जरूरी है। ’’
इससे पहले मार्च, 2022 को केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने वित्त वर्ष 22 के लिए चार दशक की सबसे न्यूनतम ब्याज दर 8.1 फीसदी की सिफारिश की थी जबकि 450 करोड़ रुपये का अधिशेष बचा था। हालांकि अभी ईपीएफओ के दो तिहाई सदस्यों को 8.1 % ब्याज मिलना बाकी है।
इससे पहले बैठक 31 अक्टूबर को हुई थी। इस बैठक में 34 साल से इस योजना में शामिल सदस्यों को आनुपातिक पेंशन के फायदों का विस्तार करने का फैसला हुआ था। बैठक में छह महीने से कम नौकरी करने वाले सदस्यों को भी निकासी की सुविधा दी गई। केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक जनवरी में प्रस्तावित थी लेकिन प्रशासनिक कारणों से यह बैठक नहीं हो पाई थी।
सोमवार से शुरू हो रही बैठक में उच्च पेंशन और सर्वोच्च न्यायालय के 4 नवंबर के आदेश को सही ढंग से लागू करने के बारे चर्चा हो सकती है। इसके अलावा सेवानिवृत्त लोगों को पेंशन पोर्टल का उपयोग करने में आ रही दिक्कतों पर विचार-विमर्श हो सकता है। सरकार 4 नवंबर के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर कार्रवाई रिपोर्ट पेश कर सकती है और इस सिलसिले में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दे सकती है।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सदस्य सुकुमार डांबले ने कहा, ‘‘पेंशन पोर्टल के इस्तेमाल में आ रही दिक्कतों की ओर ध्यान आकर्षित करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। सामाजिक सुरक्षा संगठन द्वारा जारी विभिन्न व विरोधाभासी परिपत्रों से उपजे भ्रम को दूर करना तय किया जाएगा। हम संगठन की कार्यप्रणाली में अधिक पारदर्शिता की मांग करेंगे। ’’
उम्मीद यह है कि इस बैठक में सामाजिक सुरक्षा संगठन का दायरा बढ़ाकर करीब 10 करोड़ किए जाने पर ध्यान केंद्रित किए जाएगा। इस बैठक में कोष में कमी आने पर चर्चा हो सकती है जिससे कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) की व्यवहार्यता प्रभावित हो सकती है।
वित्त वर्ष 21 के लेखा परीक्षित वार्षिक लेखा के अनुसार वित्त वर्ष 20 की तुलना में पेंशन फंड को योजनाओं के योगदान में गिरावट आई थी।