वित्त-बीमा

कुछ समय चलती रहेगी जमा की प्रतिस्पर्धा, ब्याज दर की जंग के बजाय बैंकों को क्वालिटी सुधारने की जरूरत: SBI चेयरमैन

मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में शेट्टी ने कहा कि इसके बावजूद 1 से 2 साल की अवधि के जमा पर ब्याज दर में कुछ बदलाव हो सकता है, जो सबसे लोकप्रिय अवधि है।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- August 30, 2024 | 10:12 PM IST

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सीएस शेट्टी ने कहा कि बैंकों के बीच धन जमा कराने की प्रतिस्पर्धा अभी कुछ समय तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि जमा आकर्षित करने के लिए ब्याज दर की जंग के बजाय बैंक अपनी सेवा की गुणवत्ता में सुधार पर ज्यादा ध्यान देंगे।

मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में शेट्टी ने कहा कि इसके बावजूद 1 से 2 साल की अवधि के जमा पर ब्याज दर में कुछ बदलाव हो सकता है, जो सबसे लोकप्रिय अवधि है।

शेट्टी ने कहा, ‘हम दर की जंग में नहीं पड़ने जा रहे हैं। हम सेवा की गुणवत्ता सुधारकर और पहुंच बेहतर करके ग्राहकों को आकर्षित करना चाहते हैं। हर कोई मौजूदा ग्राहकों से धन पाने की कवायद कर रहा है, साथ ही बेहतर गुणवत्ता की सेवाओं की पेशकश करके नए ग्राहकों को भी आकर्षित करने की कवायद हो रही है।’

बहरहाल स्टेट बैंक ने खुदरा सावधि जमा योजना अमृत वृष्टि पेश की है, जो 444 दिन के लिए है और इसमें ग्राहकों को 7.25 फीसदी ब्याज देने की पेशकश की गई है।

शेट्टी ने यह भी कहा कि ग्राहकों द्वारा संपत्ति के निवेश के तरीके में बदलाव आ रहा है और अतिरिक्त धन कुछ अन्य संपत्ति श्रेणी में लगाया जा रहा है। इसके साथ ही बढ़ी ऋण वृद्धि और बचत को अन्य संपत्ति श्रेणी में डाले जाने के कारण बैंकों पर जमा बढ़ाने को लेकर दबाव है।

बैंकिंग क्षेत्र में जमा की वृद्धि दर पिछले कुछ समय से सुस्त है और ऋण की वृद्धि दर जमा को बहुत पीछे छोड़ रही है। इससे बैंकों में नकदी प्रबंधन को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को नवोन्मेषी उत्पाद और सेवाओं की पेशकश करने और परिवारों की बचत को जमा कराने के लिए अपने शाखा नेटवर्क का इस्तेमाल करने को कहा है।

शेट्टी ने कहा कि ऋण-जमा (सीडी) अनुपात को लेकर स्टेट बैंक सहज है और इसे कम करने का कोई दबाव नहीं है। शेट्टी ने कहा, ‘हमारी ऋण वृद्धि दर बहुत ज्यादा है। हम 14 से 16 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं। जमा की वृद्धि दर 8 से 10 फीसदी है, लेकिन बड़ा आधार होने के कारण कुल मिलाकर आंकड़े अनुकूल हैं।’

अर्थव्यवस्था में निजी पूंजी व्यय के बहाल होने को लेकर शेट्टी ने कहा कि मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार कंपनियां अपनी नकदी से कर रही हैं, जो उन्होंने जमा कर रखा है। कंपनियां जब इसका इस्तेमाल कर लेंगी तो ऋण लेना शुरू करेंगी।

शेट्टी ने कहा कि योनो 2.0 के साथ स्टेट बैंक व्यापक तकनीकी बदलाव कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘योनो 1.0 तेज था, लेकिन हम इस ऐप में पूरी तरह बदलाव पर विचार कर रहे हैं। यह ऐप 5-6 साल पुराना है। डिजाइन पहले जैसा बना रहेगा और हम ज्यादा स्थिरता, व्यापकता और ऐप्लीकेशन तेज होने पर ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए व्यापक तकनीकी बदलाव की जरूरत है।’

First Published : August 30, 2024 | 10:12 PM IST