बॉन्ड प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से 2023 में 9.58 लाख करोड़ रुपये धन जुटाया गया,जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इसमें 23 प्रतिशत वृद्धि हुई है। प्राइम डेटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया का कहना है कि तेज आर्थिक वृद्धि के बीच कर्ज की मांग में तेजी के कारण ऐसा हुआ है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके साथ ही बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की भी कमी बनी रही, जिसके कारण उन्हें पूंजी जुटाने के वैकल्पिक साधन ढूंढ़ने पड़े। साल 2023 में सबसे ज्यादा धन अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और बैंकों ने जुटाया, जिनके हिस्से 4.71 लाख करोड़ रुपये आए हैं। इसमें एक साल पहले के 3.66 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
निजी क्षेत्र (बैंक व एफआई को छोड़कर) ने 4.45 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं और 2022 के 3.18 लाख करोड़ रुपये की तुलना में इसमें 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सरकारी इकाइयों ने इसमें अहम भूमिका निभाई और कुल राशि का 41 प्रतिशत जुटाया है। सरकारी इकाइयों द्वारा जुटाई गई राशि 2022 की तुलना में 38 प्रतिशत ज्यादा है। अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और बैंकों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 89 प्रतिशत है, पीएसयू की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है।